डीएनए हिंदी. देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है. पार्टी द्वारा गोवा चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने से नाराज उत्पल पर्रिकर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उन्होंने पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्पल पर्रिकर ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.
क्या बोले उत्पल पर्रिकर
उत्पल पर्रिकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पिता ने दो दशक तक पणजी की सेवा की है. पणजी से उनका एक खास रिश्ता रहा है. उन्होंने भी पणजी में काम किया है, इसलिए ही भाजपा से टिकट मांगा था. उन्होंने कहा कि अब वो सिद्धांतों की लड़ाई लड़ रहे हैं.
आपको बता दें कि भाजपा ने गुरुवार को गोवा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट में 34 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. इस लिस्ट में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के पुत्र उत्पल पर्रिकर को पणजी सीट से टिकट नहीं दिया गया था. पणजी सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक अतनासियो मोंटेसेरेट पर भरोसा जताया है. भाजपा ने मोंटेसेरेट की पत्नी को भी टिकट दिया है और उन्हें तालेगाव से टिकट दिया है.
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पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस ने जीता पणजी चुनाव
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पणजी सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अतनासियो मोंटेसेरेट ने जीत दर्ज की थी. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. उत्पल इसी सीट से टिकट की मांग कर रहे थे. इस बारे में पूछे जाने पर गुरुवार को फडणवीस ने कहा कि पार्टी ने पणजी से वर्तमान विधायक मोंटेसेरेट को टिकट दिया गया है. उन्होंने कहा, "वर्तमान में मोंटेसेरेट विधायक है, इसलिए उनका टिकट काटना उचित नहीं था."
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गोवा में 14 फरवरी को होगा मतदान
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा (Goa Elections) के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है. गोवा में दो बड़े चुनाव-पूर्व गठबंधन बने हैं. कांग्रेस ने जीएफपी के साथ गठबंधन किया है. जीएफपी एक क्षेत्रीय संगठन है, जो 2017 में मनोहर पर्रिकर सरकार का हिस्सा था, जबकि तृणमूल कांग्रेस को एमजीपी के रूप में एक क्षेत्रीय भागीदार मिला है, जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन में 2017 का चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गया था.