डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) जिले को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) का गढ़ कहा जाता है. रामपुर में 5 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें सबसे ज्यादा चर्चित सीट इस बार स्वार (Suar Constituency) विधानसभा सीट की है. स्वार से आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान( Mohammad Abdullah Azam Khan) समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
अब्दुल्ला आजम के खिलाफ कई गंभीर मुकदमें चल रहे हैं. लगभग 23 महीनों की कैद के बाद सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा अब्दुल्ला आजम पर पिता के साथ चोरी से लेकर जबरन वसूली और जालसाजी तक के 43 मामले दर्ज हैं. इन्हीं आरोपों की बुनियाद पर उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी दल आजम परिवार को घेर रहे हैं.
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर स्वार विधानसभा क्षेत्र से जीते थे. हालांकि, उनके खिलाफ एक मामले की सुनवाई करते हुए, 2019 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक के रूप में उनके चुनाव को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि वह कम उम्र के थे और 2017 में चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं थे.
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स्वार विधानसभा सीट से लड़ रहे कितने उम्मीदवार?
भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी अपना दल (एस) ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से अली हैदर खान को उम्मीदवार बनाया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से अध्यापक शंकर लाल, सपा से अब्दुल्ला आजम खान और कांग्रेस से राम रक्षा पाल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी से अरशद वारसी, आम आदमी पार्टी से मोहम्मद आसिफ, पिछड़ा समाज पार्टी से जगपाल सिंह और 3 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. 10 प्रत्याशी इस विधानसभा से दावेदारी ठोक रहे हैं.
कैसे हैं सियासी समीकरण?
स्वार विधानसभा सीट पर मुस्लिम और दलित मतदाता प्रत्याशियों का भविष्य तय करते हैं. आजम खान के वर्चस्व वाली इस विधानसभा सीट पर दूसरी राजनीतिक पार्टियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस बार भी यहां कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. बसपा और एनडीए भी यहां से दावेदारी जता रही हैं.
कैसा रहा 2017 का चुनाव?
स्वार विधानसभा पर 2017 का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को कुल 106443 वोट हासिल हुए थे. प्रंचड मोदी लहर में भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी महज 53347 वोट हासिल कर सकी थीं. तीसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी नवाब काजिम अली खान थे. उन्हें कुल 42233 मत हासिल हुए थे. चौथे नंबर पर एमडीपी के अरशद वारसी थे जिन्हें महज 1283 वोट हासिल हुए थे.
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | जीत का अंतर |
समाजवादी पार्टी | अब्दुल्ला आजम | 1,06,443 | |
भारतीय जनता पार्टी | लक्ष्मी सैनी | 53,347 | 50,096 |
बहुजन समाज पार्टी | काजिम अली खान | 42,233 | |
सीट का इतिहास?
1957 में पहली बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव हुए थे. कांग्रेस पार्ट के मोहम्मद अली खान यहां से चुनाव जीते थे. 1962 के चुनाव में भी उन्हें ही जीत मिली. 1980 में पहली बार बीजेपी यहां से चुनाव जीती. बलबीर सिंह ने कांग्रेस पार्टी के नासिर हुसैन को शिकस्त दी थी. 1989 और 1991, 93 और 1996 में भी बीजेपी ने यहां से चुनाव जीता. 2002 से लेकर आज तक बीजेपी इस सीट से कभी चुनाव नहीं जीती. 2017 में अब्दुल्ला आजम यहां से विधायक चुने गए थे.
कब हैं चुनाव?
रामपुर जिले की 5 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 10 मार्च होगी. इसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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