यूपी में बेहद खराब रहा BSP का प्रदर्शन, मायावती ने मीडिया पर क्यों फोड़ा हार का ठीकरा?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 11, 2022, 11:44 AM IST

बसपा चीफ मायावती. (फोटो-PTI)

मायावती ने कहा है कि जातिवादी पॉलिटिकल पार्टियां नहीं चाहती हैं कि गरीब लाचार सत्ता को संभाले, इसके लिए पार्टियां किसी भी हद तक गिर सकती हैं.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) में बहुजन समाजपार्टी (BSP) की बुरी हार हुई है. यूपी की सत्ता में कई बार काबिज हो चुकी बसपा 1 सीट पर सिमट गई है. अपनी पार्टी की करारी हार पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना पक्ष रखा है.

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जातिवादी मीडिया ने झूठी खबरें फैलाईं और यह माहौल बनाने की कोशिश की कि चुनाव में टक्कर बीजेपी और सपा की है. यही वजह है कि वोट समाजवादी पार्टी (SP) की तरफ शिफ्ट हुआ. जातिवादी मीडिया ने ये भी प्रचारित किया कि बीएसपी, बीजेपी की 'बी टीम' है.

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मीडिया पर फोड़ा हार का ठीकरा!

मायावती ने कहा कि भीमराव अंबेडकर के संविधान में अटूट विश्वास रखते हुए बसपा को संघर्ष और अथक प्रयास करते रहना चाहिए. आज नहीं तो कल सकारात्मक परिणाम जरूर आएंगे. मायावती ने मीडिया पर भी हार का ठीकरा फोड़ दिया.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, 'जातिवादी पोलिटिकल पार्टियां और मीडिया नहीं चाहती हैं कि गरीब-लाचार सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लें. इसके लिए वे किसी भी हद तक गिर जाते हैं. यूपी में 2017 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हालत अच्छी नहीं थी और कांग्रेस भी उसी खराब हालत से गुजर रही है.'

मीडिया पर क्यों भड़की हैं मायावती?

मायावती ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यूपी से मिले फीडबैक के मुताबिक जातिवादी मीडिया अपनी गंदी साजिश के तहत प्रायोजित सर्वे के जरिए बीजेपी की बी टीम बसपा को बताया. सच्चाई इसके उलट है. इस दुष्प्रचार से मुस्लिम समाज ने सपा को वोट दिया. अगर लोग इस दुष्प्रचार का शिकार न होते तो परिणाम ऐसे नहीं आते. यह लोग भूल जाते हैं कि केवल बसपा ही बीजेपी को सत्ता में आने से रोक सकती है.'

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मुस्लिम समर्थकों को क्या बोलीं मायावती?

मायावती ने मुस्लिम समर्थकों से नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा, 'मुस्लिम समाज बसपा के साथ लगा रहा लेकिन वोट सपा को गया. मुस्लिम समाज ने सपा को समर्थन देने की भारी भूल की ,जिसकी सजा बसपा को मिली है. इससे सबक लेकर बसपा अपने रणनीति में बदलाव जरूर लाएगी.'

'चट्टान की तरह बसपा के साथ खड़े हैं दलित'

मायावती ने यह भी कहा है कि दलित बसपा के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. अब बुरा वक्त खत्म होने वाला है. पूरा खून-पसीना बहाने के बावजूद भी जो इस बार नतीजे आए हैं उससे बुरा और क्या हो सकता है. दलित में मेरे वर्ग को छोड़कर, सपा के गुंडाराज के भय से अपना पूरा वोट बीजेपी को दिया है. 

दलित बसप के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे है

अब बुरा वक़्त ख़त्म होने वाला है ,पूरा खून पसीना बहाने के बावजूद भी जो इस बार परिणाम आया है उससे बुरा और क्या हो सकता है. दलित में मेरे वर्ग को छोड़ कर ,सपा के गुंडाराज के भय से अपना पूरा वोट बीजेपी को दिया है. बसपा को अपना जनाधार और कैडर बढ़ाना है. 

कांग्रेस पर क्यों बरसीं मायावती?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि कांग्रेस ने बाबा साहब को चुनाव में आगे नहीं होने दिया था. उन्होंने कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टी से अलग रहने की सलाह दी थी. मैं सबका आभार प्रकट करती हूं जिन्होंने बसपा की कामयाबी के लिए काम किया. 
 

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