UP Election: पहले चरण में होगा योगी सरकार के इन 9 मंत्रियों के भाग्य का फैसला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 27, 2022, 09:30 PM IST

Image Credit-Facebook/AtulGargBJP

Uttar Pradesh Election: भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने पांच साल तक जनता के बीच क्या किया है. इसकी परीक्षा भी चुनाव में होगी.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान में अब कम ही दिन रह गए हैं. पहले चरण का प्रचार खत्म होने से पहले सभी प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने की हर कोशिश करना चाहते हैं. यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में योगी सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी होना है. सभी अलग- अलग क्षेत्रों से चुनाव मैदान में हैं.

भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने पांच साल तक जनता के बीच क्या किया है. इसकी परीक्षा भी चुनाव में होगी. पहले चरण में सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की किस्मत भी लिखी जाएगी. वह इस बार फिर चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने 2017 में कांग्रेस के कद्दावर नेता और कई बार के विधायक प्रदीप माथुर को धूल चटाई थी.

श्रीकांत शर्मा को मिली थी बड़ी जीत

पिछले चुनाव में श्रीकांत शर्मा को 1 लाख 43 हजार 361 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर इस सीट से तीन बार के विधायक रहे कांग्रेस (Congress) के प्रदीप माथुर को 42 हजार 200 वोट मिले थे. इस बार उनके कामकाज का लेखा-जोखा पर जनता मुहर लगाएगी. इस हॉट सीट पर सबकी निगाहें है.

गाजियाबाद में विपक्ष के प्रत्याशी कमजोर!

गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग चुनावी मैदान में हैं. गाजियाबाद सीट पर पहले चरण में मतदान होना है. 2017 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अतुल गर्ग के सामने बसपा से सुरेश बंसल थे. भाजपा (BJP) के अतुल को 1 लाख 24 हजार 201 वोट मिले थे. बसपा के सुरेश बंसल 53,696 वोट ही हो सके थे. अतुल ने अपने प्रतिद्वंद्वी बंसल को 70,505 वोट के अंतर से पटखनी दी थी. पार्टी में अंदरूनी विरोध के बावजूद भी विपक्ष के पास दमदार प्रत्याशी न होने की वजह से अतुल गर्ग की जीत पक्की मानी जा रही है.

थाना भवन से सुरेश राणा मैदान में

यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली जिले के थाना भवन से भाजपा के उम्मीदवार है. इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सुरेश राणा 2012 में पहली बार जीत दर्ज करने में सफल हुए थे. इस चुनाव में उन्होंने रालोद के अशरफ अली खान को मात्र 265 वोटों से शकिस्त दी थी. इसके बाद हुए मुजफ्फरनगर दंगे में विधायक सुरेश राणा का नाम भी आया था, उन्हें आरोपी भी बनाया गया था, लेकिन 2017 में हुए चुनाव में उन्हें जनता का समर्थन मिला और वह बसपा के अब्दुल वारिश खान से 16 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत गए.

अतरौली में कल्याण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाएंगे संदीप!

पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की विरासत को आगे बढ़ा रहे उनके पौत्र संदीप सिंह ने अतरौली विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है. अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उनके परिवार का दबदबा माना जाता है. 2017 के चुनाव में उन्होंने उन्होंने 50 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी. अब तक इस सीट पर कुल 11 बार कल्याण सिंह और उनके परिवार के सदस्य जीत दर्ज करके विधानसभा पहुंचे हैं.

छाता से लक्ष्मी नारायण मैदान में

छाता सीट पर भाजपा सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 2007 में चौधरी लक्ष्मीनारायण बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के चौधरी लक्ष्मी नारायण चुनाव जीतकर विधायक बने. वह बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं. अलग-अलग पार्टियों से वह चार बार विधायक रह चुके हैं.

शिकारपुर को माना जाता है भाजपा का गढ़

बुलन्दशहर की शिकारपुर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. इस सीट पर भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है. इस सीट से वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. वर्ष 2017 के चुनाव में अनिल शर्मा वधिायक निर्वाचित हुए थे और उन्होंने बसपा के मुकुल उपाध्याय को 50 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी.

हस्तिनापुर से दिनेश खटीक आजमा रहे किस्मत

योगी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. वर्ष 2017 में उन्होंने सपा के गौरव स्वरूप बंसल को 10704 वोटों से हराया था. योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा से मैदान में हैं. उन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था.

आगरा कैंट से जीएस धर्मेश मैदान में

पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की. दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. भाजपा सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में आगरा से छावनी सुरक्षित सीट से मंत्री बने थे.  उन्होंने 2017 के चुनाव में छावनी विधानसभा सीट से 45,000 वोटों से जीत दर्ज की थी. इसी सीट पर वह 2012 में करीब पांच हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए थे.

पढ़ें- क्या अकेले रह जाएंगे राहुल-प्रियंका? कई झंडाबरदार परिवारों की नई पीढ़ी ने छोड़ा कांग्रेस का 'हाथ'

पढ़ें- UP Election: Samajwadi Party ने जारी की एक और लिस्ट, दारा सिंह को दिया घोसी से टिकट

उत्तर प्रदेश चुनाव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव योगी सरकार