डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के मुख्य आकर्षणों में से एक नैनीताल (Nainital) विधानसभा सीट हमेशा से हाई प्रोफाइल सीटों में से एक रही है. झीलों के शहर नैनीताल की खूबसूरती जितनी प्रसिद्ध है उतनी ही शानदार है यहां की सियासत. यह विधानसभा सीट अनूसूचित जाति और जनजाति (ST/SC वर्ग) के लिए आरक्षित है. आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री के बाद इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है.
राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस विधानसभा सीट पर असली सियासी लड़ाई कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच ही लड़ी जा रही है. 2022 का विधानसभा चुनाव यहां इसलिए भी दिलचस्प है कि पार्टी नई है चेहरे पुरानी ही हैं. कैसे आइए इसे समझते हैं.
नैनीताल जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं. लालकुआं, भीमताल, हल्द्वानी, कालाढूगी, रामनगर और नैनीताल. नैनीताल विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं संजीव आर्या. 2017 के विधानसभा चुनाव में संजीव आर्य ने बीजेपी के टिकट से चुनाव जीता था. कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, संजीव आर्य के पिता हैं. पिता के साथ संजीव आर्य भी अब भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.
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दिलचस्प है कि इस चुनाव में संजीव आर्य के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार सरिता आर्य थीं. सरिता आर्य 7 हजार से ज्यादा वोटों से हार गईं थीं. अब समीकरण बदल गए हैं. सरिता आर्य ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का हाथ थााम है. संजीव आर्य ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. दोनों की सियासी पकड़ इस सीट पर बेहद मजबूत मानी जाती है.
क्या था 2017 का नतीजा?
साल 2017 की प्रचंड मोदी लहर में संजीव आर्य बीजेपी के टिकट पर 30,036 वोटों से जीते थे. सरिता आर्य कांग्रेस से चुनाव में उतरीं थीं. उन्हें कुल 22,789 मत हासिल हुए थे. तीसरे नंबर पर हेमचंद्र थे. निर्दलीय प्रत्याशी हेमचंद्र को 5,505 वोट मिले थे.
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
संजीव आर्य | बीजेपी | 30,036 |
सरिता आर्य | कांग्रेस | 22,789 |
हेमचंद्र | निर्दलीय | 5,505 |
2022 के चुनावी समर में कितने चेहरे?
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल 5 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी की ओर से सरिता आर्या चुनाव लड़ रही हैं. संजीव आर्य कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी से पिछला चुनाव इन्होंने ही जीता था. आम आदमी पार्टी से हेमचंद्र आर्य चुनाव लड़ रहे हैं. राजकमल सोनकर को बहुजन समाज पार्टी ने टिकट दिया है. उत्तराखंड क्रांति दल से ओम प्रकाश चुनाव लड़ रहे हैं.
कैसा है सीट का इतिहास?
नैनीताल विधानसभा सीट पर पहली बार साल 2002 में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब उत्तराखंड क्रांति दल के नेता नारायण सिंह ने चुनाव जीता था. 2007 में बीजेपी उम्मीदवार खड़क सिंह बोहरा चुनाव जीते थे. 2012 के चुनाव में सरिता आर्या कांग्रेस से चुनी गई थीं. अब 10 साल से ज्यादा समय तक कांग्रेस का साथ छोड़कर सरिता आर्या बीजेपी से भाग्य आजमाने उतर रही हैं.
4 साल से ज्यादा वक्त तक लगातार उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे संजीव आर्य अब बीजेपी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. वहीं अपने राजनीतिक जीवन से बीजेपी की धुर विरोधी रही सरिता आर्य अब कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रही हैं. आम आदमी पार्टी और बसपा प्रत्याशियों के सामने आने के बाद से ही सियासी लड़ाई दिलचस्प होती नजर आ रही है.
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