डीएनए हिंदी: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिहाज से सीटें भले ही 70 हों लेकिन इनमें से कई सीटें हॉट सीट बनी हुई हैं. एक ऐसी ही सीट है हल्द्वानी. उत्तराखंड की राजनीति में यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है. कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का इस सीट पर वर्चस्व रहा है.
वह इस सीट से 4 में से 3 चुनाव जीतने में सफल रहीं लेकिन पिछले साल उनका निधन हो गया. अब इस बार कांग्रेस ने उनके बेटे सुमित हृदयेश को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी ने हल्द्वानी नगर निगम में बीजेपी से मेयर रहे जोगेंद्र रौतेला को उम्मीदवार बनाया है. AIMIM ने अब्दुल मतीन सिद्दीकी को टिकट दिया है. अब्दुल मतीन पूर्व में कांग्रेस सरकार के दौरान राज्यमंत्री थे. अब्दुल मतीन के चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
2002 में इस सीट पर पहला चुनाव आयोजित किया गया था जिसमें कांग्रेस की इंदिरा हृदयेश ने बीजेपी के बंशीधर भगत को 3,058 वोटों से शिकस्त दी. 2007 के चुनाव में एक बार फिर इंदिरा हृदयेश और बीजेपी के बंशीधर भगत के बीच मुकाबला हुआ. जिसमें बंशीधर भगत ने 4,235 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
2012 के चुनाव में इंदिरा हृदयेश ने बीजेपी की मेयर रहीं रेणु अधिकारी को 23,583 वोटों से शिकस्त दी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा ने चौथी बार चुनाव लड़कर तीसरी जीत हासिल की.
आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर 151396 मतदाता हैं. जबकि 13 प्रत्याशी चुनाव में खड़े हैं. कहा जाता है कि यहां ब्राह्मण के अलावा अल्पसंख्यक वोटरों की अच्छी-खासी संख्या है. 2017 के चुनाव में भी यहां मुस्लिम प्रत्याशी को 11817 वोट मिले थे. इस बार भी दो मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. उत्तराखंड की 70 सीटों के लिए 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मतगणना 10 मार्च को होगी.