डीएनए हिंदी: उत्तराखंड चुनाव (Uttarakhand Chunav) में अब बहुत कम वक्त बचा है लेकिन राज्य में कांग्रेस पार्टी में असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब के बाद अब उत्तराखंड में भी पार्टी को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा सकता है. दरअसल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने ट्वीट कर असंतोष जताया है.
हरीश रावत (Harish Rawat) ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, "चुनाव_रूपी_समुद्र, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं. जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा, "मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है! फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे. मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे."
भाजपा ने ली चुटकी
हरीश रावत के असंतोष जताने के बाद राज्य के पूर्व सीएम और सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि लगता है हरीश रावत ने पंजाब की स्थिति से कुछ सीखा है. जिस तरह से वह अपना दर्द व्यक्त कर रहे हैं, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ा आराम करना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि हरीश रावत एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हैं. वह जो कुछ भी कहते हैं उसमें कुछ सार होता है... जब वे कहते हैं कि उनकी पार्टी के लोग उन्हें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, यह उनके दर्द को दर्शाता है. जो पार्टी बरकरार नहीं रह सकती, वह चुनाव कैसे लड़ेगी? दरअसल इससे बीजेपी को फायदा होगा.