Bihari Food VS Italian Food: बिहारी और इटालियन होते हैं एक जैसे, दोनों के खानों में होती है समानता

Swatantra Mishra | Updated:Nov 08, 2022, 12:06 PM IST

बिहारी फूड होता है सुपर हेल्दी

Bihari foods: बिहारी खानों को प्रमोशन की नहीं बल्कि उससे इंस्पायर होने की जरूरत है क्योंकि बिहार के लोग टेस्टी के साथ बहुत हेल्दी खाना खाते हैं.

Best Bihari Foods : आज भारत के हर राज्य के खाने को प्रमोट किया जा रहा है. यूट्यूबर इन खानों के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर आम लोगों के लिए डालते हैं जिससे लोगों तक उनकी जानकारी पहुंचाई जा सके. आज हम एक ऐसे राज्य के खाने के बारे में बात करेंगे जिसके बारे में आम लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है और अभी भी वह छुपा हुआ सा है. बिहारी खाने के बारे में बात करते हुए ज्यादातर लोग लिट्टी चोखा से आगे नहीं बढ़ पाते हैं. आज हम बिहारी खाने की कुछ खासियतों को समझेंगे. 

Olive Oil की तरह कच्चा सरसों तेल खाने का रिवाज

बिहारी खाना काफी कुछ इटालियन खाने (Italian Food) जैसा है. आप यह पढ़ कर हैरान हो रहे होंगे लेकिन यह सच है. आप अक्सर देखते होंगे कि इटालियन खाने में एक्स्ट्रा वर्ज़न ऑलिव ऑयल (Olive Oil) का ऊपर से प्रयोग होता है. खाने की चीजों में ऑलिव ऑयल ऊपर से डाला जाता है. कई तरह के पास्ता, ब्रेड्स और अनेकों डिशेज़ में कच्चा ऑलिव ऑयल डाला जाता है. बिहारी खाने में भी सरसों के तेल को कच्चा ही प्रयोग किया जाता है. चाहे आलू का चोखा हो या बैंगन का चोखा सरसों का कच्चा तेल प्रयोग में लाया जाता है और उसकी सौंधी खुशबू इन डिशेज़ को अलग ही लेवल पर ले जाती हैं. चावल के मुरमुरे या मुढ़ी में सरसों के तेल या सरसों की चटनी डालकर भी बहुत स्वादिष्ट नाश्ता बनाया जाता है. बिहार में नाश्ते को जलखय भी बोलते हैं. जलखय बोलने का मतलब हल्का खाना.


  
Semi Cooked Food खाने की है परंपरा

बिहार के खानों में एक ख़ास बात है और वह यह है कि वहां भोजन या खाने पीने की चीजों में कई ऐसी डिशेज मिलेंगी जिन्हें पकाने की प्रक्रिया कम होती है. जैसे बिहार के अनेक इलाकों में लौकी या तोरी (नेनुआ) में काले चने डालकर पकाया जाता है. पकाने से पहले चने को कुछ घंटे पानी में भिगोकर रख लेते हैं. आप जब उसे खाएंगे तो आप यह पाएंगे कि काले चने को बहुत अधिक गलाया नहीं जाता बल्कि उसमें एक क्रंच बना रहता है. कई सब्जियों में दाल भी डालकर बनाई जाती हैं लेकिन दाल भी बहुत पकाई नहीं जाती. 

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आज जब हर जगह हेल्दी डाइट के विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है ऐसे में बिहारी खाने की कुछ विशेषताएं उसे अलग बनाती हैं. बिहार में चूड़ा या चिवड़ा बहुत प्रेम से खाया जाता है लेकिन उसे बहुत मसाले आदि डालकर नहीं पकाया जाता बल्कि उसे हल्का भूनकर खाया जाता है. इसमें हरी मटर या मौसमी सब्जियां डालकर भी खाया जाता है. इसका सीधा अर्थ यह है कि कच्ची सब्जियां सिर्फ सलाद के रूप में नहीं खाई जाती. उनको अन्य कई तरह से खाया जाता है. चूड़ा को दूध या दही के साथ कच्चे भी खूब चाव के साथ खाया जाता है. 

Mustard Oil स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतरीन

इस सबके बीच एक रोचक बात आप सभी को बताना चाहता हूं कि बिहारी खाने में अधिकतर सरसों का तेल प्रयोग किया जाता है जो बहुत स्वास्थकारी माना जाता है. इसके अलावा बिहारी खानों में अभी तक क्रीम और चीज़ का हमला नहीं हुआ है इसलिए भी वे स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छे माने जाते हैं. यही कारण है कि बिहार अभी भी भारत में डायबिटीज या शुगर के हमलों से उस तरह परेशान नहीं है जिस तरह भारत के वे इलाके परेशान हैं जहां क्रीम, चीज़ या बटर का संसार बस गया है. दिखने में खाने में स्वादिष्ट ये वस्तुएं हमारे शरीर को कितना नुकसान  पहुंचा रही हैं ये हम सभी जानते हैं. बिहारी खाने देखने में उतने फैंसी नहीं लगते और शायद यही वजह है कि जिस तरह बटर चिकन या चीज़ डोसा या चीज़ पाव-भाजी लोकप्रिय हैं उस तरह बिहारी व्यंजन लोकप्रिय नहीं.

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#फिशमैनबोलताहै

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