डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग (RBI MPC Meet) आज शुरू हो गई है जो 8 जून तक जारी रहेगी. हाल ही में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा था कि देश में हाई इंफ्लेशन (Inflation) को देखते हुए ब्याज दरों में इजाफे की उम्मीद कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि उन्होंने इस बात का अंदाजा नहीं लगाया कि रेट-सेटिंग पैनल ब्याज दरों में कितना इजाफा कर सकता है. जानकारों का कहना है कि प्रमुख रेपो दर (Repo Rate) में 25-50 आधार अंक की वृद्धि हो सकती है. देश में ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 6-8 जून के दौरान बैठक होगी. बैठक के अंतिम दिन 8 जून को नीतिगत ब्याज दरों की घोषणा की जाएगी.
कितना हो सकता है ब्याज दरों में इजाफा
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी को आगामी एमपीसी नीति समीक्षा में रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार एमपीसी 25-35 आधार अंकों की दर बढ़ाने का फैसला कर सकता है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई जून की नीति बैठक में रेपो दर में 40 बीपीएस की बढ़ोतरी करेगा. रेपो दर (वह दर जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है) आरबीआई द्वारा अनिवार्य बाहरी बेंचमार्क में से एक है, जिसके आधार पर वाणिज्यिक बैंक विभिन्न लोन के लिए ब्याज दर तय करते हैं.
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सीआरआर में भी इजाफा मुमकिन
रक्षित ने कहा कि केंद्रीय बैंक आगामी नीतियों में से एक में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में वृद्धि कर सकता है, लेकिन यह अगले कुछ महीनों में टिकाऊ तरलता को कैसे देखता है, इस पर निर्भर होगा. सीआरआर कैश का वह प्रतिशत है जिसे बैंकों को अपनी कुल जमाराशियों की तुलना में अपने भंडार में रखने की आवश्यकता होती है. उनके अनुसार हम वित्त वर्ष 2023 के अंत तक सीआरआर में 50 बीपीएस की और बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं. रेपो दर वृद्धि के साथ, आरबीआई अपने मुद्रास्फीति अनुमानों को भी संशोधित करेगा, संभवत: कैलेंडर ईयर 2022 के अधिकांश भाग के लिए मुद्रास्फीति 7 फीसदी के करीब रहने का संकेत है.
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9 साल के हाई पर पहुंच सकती है महंगाई
अप्रैल में रिटेल इंफ्लेशन आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर थी, जिससे आरबीआई को मई में एक ऑफ-साइकिल मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अप्रैल एमपीसी बैठक में, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने रिटेल इंफ्लेशन अनुमान को संशोधित कर 5.7 प्रतिशत कर दिया था, जबकि पहले अनुमानित 4.5 प्रतिशत था. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 में खुदरा महंगाई नौ साल के उच्च स्तर 6.9 प्रतिशत पर होगी, और आरबीआई शेष वित्त वर्ष 2013 में नीतिगत दर को कम से कम 75 बीपीएस तक बढ़ाएगा. इसने यह भी कहा कि इसके साथ ही, वित्त वर्ष 23 के अंत तक नकद आरक्षित अनुपात को 50 बीपीएस से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है.
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