डीएनए हिंदीं: कोविड-19 जैसी महामारी ने कई बच्चों को अपने माता-पिता और परिवार से दूर कर दिया था. ऐसे में बेसहारा हुए इन बच्चों की दिल दहला देने वाली ऐसी कहानियां सामने आती रहती हैं. ऐसी ही एक कहानी है भोपाल की 17 साल की लड़की वनीशा पाठक की. कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान वनीशा ने अपने माता-पिता दोनों को एक साथ खो दिया था.
अब LIC से मिल रहे हैं लीगल नोटिस
अब वनीशा को हर रोज लीगल नोटिस मिल रहे हैं. उनके पिता ने LIC से एक लोन लिया था, ये नोटिस भेजकर इस लोन को चुकाने की मांग की जा रही है. वनीशा के पिता जीतेंद्र पाठक एक LIC एजेंट थे.उन्होंने एलआईसी से एक लोन लिया था. अब उनके निधन के बाद उनकी 17 साल की बेटी को 29 लाख का यह लोन चुकाने के लिए कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं. ये नोटिस भेजकर लोन चुकाने की मांग की जा रही है औऱ लोन ना चुकाने की स्थिति में सख्त एक्शन लिए जाने की चेतावनी भी दी गई है.
यह भी पढ़ें- Norovirus: कोरोना और मंकीपॉक्स नहीं अब ये वायरस बढ़ा रहा टेंशन, जानिए क्या है लक्षण और बचाव के तरीके
नाबालिग हैं वनीशा और उनका भाई
वनीशा और उनका भाई दोनों ही नाबालिग हैं, इस वजह से कंपनी ने उनके पिता को मिलने वाली बचत राशइ को भी ब्लॉक कर दिया है. इस मामले में वनीशा ने कंपनी से लोन चुकाने के लिए समय देने की गुजारिश भी की है.
वित्त मंत्री ने दिया दखल
अब इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी को इस मामले का संज्ञान लेने के लिए कहा है. वनीशा की कहानी के बारे में TOI में छपे एक न्यूज आर्टिकल को ट्वीट करते हुए निर्मला सीतारमण ने एलआईसी से यह मामला देखने के लिए कहा है. उन्होंने एलआईसी इंडिया के फाइनेंशियल सर्विसेज डिपार्टमेंट को टैग भी किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मामले में वनीशा को एलआईसी से राहत मिल चुकी है और उन्हें एलआईसी की तरफ से अब नोटिस नहीं भेजा जाएगा.
यह भी पढ़ें- Operation Blue Star: क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार, क्यों हुई थी शुरुआत, जानें पूरी कहानी
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.