AI की वजह से नौकरी गंवाएंगे इतने लोग, IMF ने बता दिया अपना अनुमान

नीलेश मिश्र | Updated:Jan 15, 2024, 01:46 PM IST

IMF

AI Job Loss: AI की वजह से आने वाले समय में नौकरियों पर कई तरह के असर पड़ने वाले हैं. अब IMF ने भी इसके बारे में अपना अनुमान बताया है.

डीएनए हिंदी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से जा रही नौकरियों के बीच अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी अपना अनुमान बताया है. IMF के एक नए विश्लेषण के अनुसार, एआई दुनियाभर में लगभग 40 प्रतिशत नौकरियों को प्रभावित करेगा. कम उम्र के युवाओं और AI के जानकारों की सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं, AI का इस्तेमाल न कर पाने वाले उम्रदराज लोगों की नौकरी जा सकती है या फिर उन्हें कम सैलरी में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, 'ज्यादातर परिदृश्यों में, एआई असमानता को बदतर बना देगा. नीति निर्माताओं को टेक्नोलॉजी को सामाजिक तनाव को और बढ़ाने से रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए.' आईएमएफ के अनुसार, विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में एआई से लगभग 60 प्रतिशत नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं. लगभग आधी नौकरियों को एआई इंटीग्रेशन से फायदा हो सकता है और इससे उत्पादकता बढ़ेगी.

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बाकी के लिए, एआई का इस्तेमला वर्तमान में इंसानों द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य कर सकते हैं. इससे लोगों की जरूरत कम होगी और नौकरियों की संख्या और सैलरी घट सकती है. खराब हालात होने पर बहुत सारे लोगों की नौकरियां भी जा सकती हैं. संभावित रूप से श्रम की मांग को कम कर सकते हैं, और परिणामस्वरूप कम वेतन और कम नियुक्तियां हो सकती हैं। सबसे खराब स्थिति में, इनमें से कुछ नौकरियां ख़त्म हो सकती हैं.

विकासशील और विकसित देशों के बीच बढ़ेगी असमानता
हालांकि, उभरते बाजारों और कम आय वाले देशों में, एआई एक्सपोज़र क्रमशः 40 और 26 प्रतिशत होने की उम्मीद है. IMF ने कहा है, इन निष्कर्षों से पता चलता है कि उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एआई से कम तात्कालिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही, इनमें से कई देशों के पास एआई के लाभों का उपयोग करने के लिए बुनियादी ढांचा या कुशल कार्यबल नहीं है, इससे जोखिम बढ़ रहा है कि समय के साथ टेक्नोलॉजी प्रभावित हो सकती है.

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एआई देशों के भीतर आय और धन असमानता को भी प्रभावित कर सकता है. आईएमएफ का मानना है कि एआई अपनाने क नतीजा यह होगा कि ज्यादा आय वाले और युवा श्रमिकों के वेतन में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है जबकि कम आय वाले और अधिक उम्र वाले कर्मचारी पिछड़ सकते हैं. जॉर्जीवा ने कहा, 'हम आय वर्ग के भीतर ध्रुवीकरण देख सकते हैं, जो श्रमिक एआई का उपयोग कर सकते हैं उनकी उत्पादकता और वेतन में वृद्धि देखी जा सकती है.

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