SEBI की रिपोर्ट ने बढ़ाई अडानी की मुसीबतें, Adani Group के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग से 12 कंपनियों को फायदा

Written By मनीष कुमार | Updated: Aug 29, 2023, 01:44 PM IST

Adani-Hindenburg Case Updates: सुप्रीम कोर्ट आज अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई कर रहा है. सेबी ने 25 अगस्त को अपनी जनवरी की रिपोर्ट में शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी

डीएनए हिंदी: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और टैक्स हेवन में विदेशी संस्थागत निवेशकों समेत करीब 12 कंपनियां ने अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट सेलिंग से भारी मुनाफा कमाया. इसके प्रवर्तन निदेशालय ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच करना शुरू किया. जिसके कारण जनवरी में बाजार में गिरावट आई थी. जिन्हें नहीं पता उन्हें बता दें कि शॉर्ट-सेलिंग उस निवेश तकनीक को परिभाषित करती हैं जहां प्रतिभूतियों (Securities) को बेचने के लिए उधार लिया जाता है और बाद में कीमत गिरने पर वापस खरीद लिया जाता है. इस मॉडल में कई निवेशक दांव लगाते हैं और शेयर की कीमतों में गिरावट से भारी मुनाफा कमाते हैं.

01:30 pm लेटेस्ट अपडेट: कोई खास निषकर्ष नहीं आया सामने
रिपोर्ट में इन व्यापक जांचों में हुई प्रगति का कोई खास निष्कर्ष या विवरण विशेष रूप से निकलकर सामने नहीं आया. सेबी की रिपोर्ट मुख्य रूप से कानून के प्रावधानों का पालन करते हुए, इन जांचों के परिणामों के आधार पर उचित कार्रवाई करने के उसके इरादे पर प्रकाश डालती है.

01:11 pm लेटेस्ट अपडेट: परामर्श पत्र जारी
 सेबी ने हालिया अडानी-हिंडनबर्ग केस के मद्देनजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए बेहतर ट्रांसपेरेंसी उपायों की मांग करते हुए परामर्श पत्र जारी किया.

01:00 pm लेटेस्ट अपडेट: सुप्रीम कोर्ट पैनल ने रिपोर्ट की पब्लिक
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल जिसका काम यह देखना था कि क्या भारत के बाजार नियामक ने अडानी ग्रुप के शेयरों में छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा करने में अपनी भूमिका निभाई है या नहीं. उस पैनल ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है. पैनल ने पाया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को शक है कि अडानी ग्रुप में निवेश किए गए 13 विदेशी फंडों के प्रमोटरों के साथ संबंध हो सकते हैं.

सेबी ने जारी की थी रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई में बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( SEBI) के साथ अपनी जांच के तथ्यों को शेयर किया था. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी शॉर्ट सेलर, जिसमें तीन भारत से और चार मॉरीशस से थे, उन्होंने आयकर अधिकारियों को अपनी ओनरशिप स्ट्रक्चर का खुलासा नहीं किया था.

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शॉर्ट ट्रेड में आजमा रहे ते हाथ
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इनमें से कुछ कंपनियों ने 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने से दो से तीन दिन पहले कंपनी में 2-3 पद खाली होने की बात रखी. वहीं कुछ दूसरे लोग पहली बार शॉर्ट ट्रेड में अपना हाथ आजमा रहे थे. सेबी के साथ रजिस्टर्ड विदेशी निवेशकों को डेरिवेटिव्स में बिजनेस करने की अनुमति है. डेरिवेटिव्स ऐसे फाइनेंशियल टूल होते हैं जो बाजार जोखिमों को कम करके शॉर्ट टर्म ट्रेड करने की अनुमति देते हैं.

इस रिपोर्ट में इनमें से कुछ शॉर्ट सेलर्स की अनियमित कमाई के पैटर्न की ओर भी इशारा किया गया है. सेबी ने निवेशकों को गुमराह करने के लिए एक भारतीय कंपनी के प्रमोटर के खिलाफ आदेश भी पारित किया था.

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हिंडनबर्ग का आरोप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि बिजनेसमैन गौतम अडानी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए मॉरीशस में शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया था. अडानी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है और अपनी रिपोर्ट को भारत, उसके संस्थानों और विकास की कहानी पर "सोचा हुआ हमला" करार दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से कहा मामले की जांच करे
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों के एक पैनल ने पहले कहा था कि अडानी समूह की ओर से कीमतों में कोई हेरफेर नहीं किया गया था और समूह ने रिटेल इन्वेस्टर्स को आराम देने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे.

 

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