डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने गुरुवार को बढ़ती महंगाई (Inflation)और बढ़ते लोन रेट्स के बीच वित्त वर्ष 23 की जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ (PPF), एनएससी (NSC), सुकन्या (SSY), केवीपी (KVP) जैसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों (Small Saving Scheme Interest Rates) में कोई बदलाव नहीं किया है. यह आम लोगों के लिए एक बड़ा झटका कहा जा सकता है. यह लगातार नौवीं तिमाही है जब छोटी बचत की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर को संशोधित नहीं किया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के दौरान इन योजनाओं में किए गए नए निवेश पर भी पिछली तिमाही की तरह ही ब्याज दर प्राप्त होगी.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पीपीएफ 7.10 फीसदी रिटर्न देना जारी रखेगा. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) पर 7.40 फीसदी मिलना जारी रहेगा. डाकघर की टाइम डिपॉजिट स्कीम पर 5.5-6.7 फीसदी का रिटर्न मिलेगा. छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को समान परिपक्वता के बेंचमार्क सरकारी बांडों में गति के अनुरूप तिमाही आधार पर रीसेट किया जाता है. पिछली तिमाही के दौरान, सरकार ने यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया था. श्यामला गोपीनाथ समिति ने 2011 में स्मॉल सेविंग स्कीम्स को बाजार से जोड़ने की सिफारिश की थी.
विश्लेषकों ने पिछली तिमाही की तुलना में सरकारी सिक्योरिटीज में वृद्धि को देखते हुए इस बार ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना का संकेत दिया था. आज की स्थिति में, भारत में 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 31 मार्च को 6.843 फीसी की तुलना में 7.424 फीसदी थी. विशेष रूप से, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान नीतिगत ब्याज दर में 90 आधार अंकों की वृद्धि की है.
डाकघर की एक वर्षीय फिक्स्ड डिपोजिट स्कीम अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.5 प्रतिशत की ब्याज दर अर्जित करना जारी रखेगी जबकि बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि देश का सबसे बड़ा लेंडर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एक साल की सावधि जमा पर 5 फीसदी ब्याज दर प्रदान करता है.
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पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना पर ब्याज दर 7.4% पर बरकरार रहेगी. वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है. सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर 4 फीसी प्रति वर्ष बनी रहेगी. एक से पांच साल की एफडी पर 5.5-6.7 फीसदी की सीमा में ब्याज दर मिलेगी, जिसका भुगतान तिमाही रूप से किया जाएगा, जबकि पांच साल की रिकरिंग डिपोजिट पर ब्याज दर 5.8 फीसदी ब्याज अर्जित करेगी.
हाल ही में, भविष्य निधि (पीएफ) की दर 2021-22 के लिए चार दशक के निचले स्तर 8.1% से घटाकर 8.5% कर दी गई थी. कर्मचारियों की भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर में कटौती के प्रस्ताव का बचाव करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि दर आज की वास्तविकताओं से तय होती है जहां अन्य छोटे बचत साधनों पर ब्याज दर और भी कम थी. एफएम सीतारमण ने अन्य योजनाओं की तुलनात्मक प्रचलित ब्याज दरों का हवाला देते हुए कहा था कि सुकन्या समृद्धि योजना 7.6 फीसदी, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.4 फीसदी) और पीपीएफ (7.1 फीसदी) जबकि एसबीआई की 5-10 साल की एफडी 5.50 फीसदी देती है.