डीएनए हिंदी: टाटा ग्रुप की विस्तारा और एयर इंडिया के विलय को कई कई रुकावटों के बाद आखिरकार 1 सितंबर को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है. इस वियल के बाद से एयर इंडिया इंडिगो के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन बन सकती है. संयुक्त कंपनी का अंतिम 74.9 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा संस के पास होगी. इस साल अप्रैल में टाटा संस और SIA ने CCI को एक आवेदन दिया था. इस सौंपे आवेदन में कहा गया था कि दोनों एयरलाइंस के विलय से भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सीसीआई ने क्या कहा?
एंटी-ट्रस्ट संगठन ने एक्स (Twitter) पर कहा कि "सीसीआई ने एयर इंडिया के साथ टाटा SIA एयरलाइंस के विलय और सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) द्वारा एयर इंडिया में कुछ शेयरहोल्डिंग के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है, जो प्रस्तावित वॉलंटरी कमिटमेंट के अनुपालन के अधीन है. साथ ही यह भी कहा कि विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी.
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कितनी होगी टाटा संस कीहिस्सेदारी
विस्तारा और एयर इंडिया दोनों का स्वामित्व टाटा समूह के पास है, सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) के पास विस्तारा में 49 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी है. विलय समझौते के अनुसार, SIA 25.1% हिस्सेदारी हासिल करके एयर इंडिया की विस्तारित शेयर पूंजी में 2,059 करोड़ रुपये का योगदान देगा. वहीं संयुक्त कंपनी में टाटा संस की हिस्सेदारी 74.9 प्रतिशत बनी रहेगी.
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जून में सीसीआई ने नोटिस दिया था
सीसीआई ने जून में एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था कि एविएशन सेक्टर में कंपीटीशन की चिंताओं के कारण विस्तारा के साथ उसके प्रस्तावित विलय की जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए. टाटा ग्रुप के लिए, यह विकास उसके एविएशन बिजनेस को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है.
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