China में स्टूडेंट्स का करियर खतरे में, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

मनीष कुमार | Updated:Aug 09, 2023, 12:36 PM IST

fake University

Unemployment in China: चीन में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी के चलते वहां के छात्रों को अच्छी नौकरियां और बड़े सपने देखने के लिए मना कर दिया गया.

डीएनए हिंदी: जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के चलते लंबे समय से सुस्त पड़ चुकी अर्थव्यवस्था के कारण चीन बेरोजगारी (Unemployment in China) के मुद्दे झूझ रहा है. चीन में नए ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को रोजगार तलाशने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद भी बहुत से युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की बेरोजगारी की समस्या अगले दस साल तक हल नहीं होगी. क्या है पूरा मामला आइए विस्तार से जानते हैं.

बड़े सपने ना देखें
चीन में लंबे समय से सुस्त हो चुकी इकोनॉमी को देखते हुए कॉलेज ग्रेजुएट्स को बड़े सपने न देखने के लिए कहा जा रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या चीन इस बेरोजगारी के मुद्दे को दबाना चाहता है?  दक्षिण-पश्चिम चीन में चोंगकिंग मेट्रोपॉलिटन कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस साल समारोह के दौरान अपने नए ग्रेजुएट्स को अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया. बल्कि उनके सामने कड़वी सच्चाई रखी. कॉलेज के अध्यक्ष हुआंग ज़ोंगमिंग ने 9,000 से अधिक ग्रेजुएट्स से कहा कि 'आपको बहुत बड़े सपने नहीं देखने चाहिए या काम के बारे में नकचढ़ा नहीं होना चाहिए' ठंडी पड़ चुकी अर्थव्यवस्था में नौकरियों के बहुत ही कम अवसर मौजूद हैं.'

ग्रेजुएट्स की बढ़ रही है तदाद
रिकॉर्ड संख्या में चीनी कॉलेज ग्रेजुएट्स जॉब मार्केट में भटक रहे हैं. इससे बेरोजगारी दर (Unemployment Rate)  में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है. जून में, चीन के 16-24 वर्ष के युवाओं के लिए बेरोजगारी दर 21.3 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई. जुलाई में, जब नए कॉलेज ग्रेजुएट्स ने नौकरी के लिए मार्केट में कदम रखा तो इसमें काफी बढ़ोतरी हुई. सरकारी नीति निर्माता, जो इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं, चाहते हैं कि ग्रेजुएट्स को नौकरियां कॉलेज और अधिक प्रयास करें. नौकरी के अवसरों का पता लगाने के लिए, स्कूल -कॉलेज के टॉप अधिकारियों को कंपनियों का दौरा करने के लिए कहा जा रहा है. छात्रों को अक्सर एंप्लॉयर के मन-मुताबिक दिए जा रहे नौकरी के ऑफर्स को बेरोजगारी के चलते स्वीकार करना पड़ रहा है.

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कॉलेज स्टूडेंट की संख्या में आई तेजी
पिछले तीन दशकों में, देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के परिणामस्वरूप चीन में अधिक से अधिक लोग कॉलेज गए थे.  राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो का अनुमान है कि 1992 में 7,54,000 से 2022 में 11 मिलियन तक हो गई. चीन में कॉलेजों को इस साल 1.16 करोड़ छात्रों के आने की उम्मीद है. 

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बेरोजगारी की दर चार साल में हो गई दोगुनी
पिछले चार वर्षों में चीन की युवा बेरोजगारी दर दोगुनी हो गई है. इस समय जीरो कोविड पॉलिसी के कारण आई आर्थिक अस्थिरता ने व्यवसायों को नए कर्मचारियों को काम पर रखने से रोक दिया. इसके अलावा, सरकार की सख्ती ने कभी रियल एस्टेट, टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन शिक्षा जैसे सेक्टर्स  को कमजोर कर दिया है. इसके अतिरिक्त, चीनी अर्थव्यवस्था के ठंडे होने के कारण हाई सैलेरी वाली व्हाइट कॉलर जॉब्स भी प्रभावित हुई है.

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