पापा की विरासत संभालने के लिए Ananya Birla ने अपने म्यूजिक के पैशन को साइड कर दिया है. उन्होंने एक इमोशनल पोस्ट कर लिखा कि यह 'बहुत मुश्किल है' लेकिन मुझे ये करना पड़ रहा है.
वैसे तो अनन्या का सरनेम ही बता रहा है कि वो कौन हैं लेकिन फिर भी यह बताना जरूरी है कि अनन्या आदित्य बिड़ला ग्रुप के मुखिया कुमार मंगलम बिड़ला की सबसे बड़ी बेटी हैं.
अनन्या ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'दोस्तों, यह एक मुश्किल भरा फैसला है लेकिन लेना पड़ रहा है.'
वह अपने पोस्ट में लिखती हैं कि मैं जिंदगी के उस स्टेज पर आ गई हूं जहां बिजनेस और म्युजिक दोनों एकसाथ संभालना मुश्किल हो रहा है.
वह आगे लिखती हैं कि, "यह फैसला मुझे अंदर तक तोड़ रहा है जो मैं शब्दों में बयां नहीं कर पा रही हूं."
अनन्या ने अपने प्रशंसकों को धन्यवाद देते हुए आगे लिखा है कि पिछले कुछ सालों में मेरे जितने भी गाने रिलीज हुए और उसे इतना प्यार देने के लिए आप सभी का शुक्रिया.
वह लिखती हैं कि "अब समय आ गया है कि मैं किसी एक चीज को चुनूं तो मैं अपनी सारी एनर्जी बिजनेस की दुनिया पर लगाना चाहती हूं."
अनन्या संगीत की दुनिया का जाना माना नाम हैं. उन्होंने '2016 में लिविन द लाइफ इन' के साथ म्यूजिक इंडस्ट्री में एंट्री की थी और इस गीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दी थी. बहुत ही कम समय में अनन्या ने सिंगल म्यूजिक एप पर उन्हें बहुत ही कम समय में प्लैटिनम की उपाधि भी मिली और वह यह उपाधी पाने वाली पहली भारतीय कलाकार भी बनीं.
कुमार मंगलम बिड़ला की बड़ी बेटी अनन्या बिड़ला ने अपनी संगीत की दुनिया में अलग ही पहचान बनाई है. वो भले ही अब अपने पिता का बिजनेस वर्ल्ड को ज्वाइन कर रही हों लेकिन वो सफल बिजनेस वुमन तो 2017 में ही बन गई थीं.
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अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट की पढ़ाई
माइक्रोफाइनेंस कंपनी स्वतंत्र माइक्रोफिन और डिजाइन हाउस इकाई असाई चलाने वाली अनन्या को पता था कि उन्हें उनका म्यूजिक का पैशन पूरा करने की इजाजत दी जा रही है लेकिन उन्हें संभालनी तो विरासत ही है.
अनन्या की कंपनी स्वतंत्र ने 2018 में माइक्रो हाउसिंग फाइनेंस और 2023 में सचिन बंसल (फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक) से चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट खरीदा था. प्राइवेट कंपनी इक्विटी एडवेंट इंटरनेशनल और मल्टीपल्स से 1,930 करोड़ रुपये (230 मिलियन डॉलर) का इक्विटी में निवेश किया. भारत के माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट माना जाता है.
इसलिए उन्होंने इंग्लैड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट की पढ़ाई की है.
हालांकि, उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं रही है. अनन्या दवीक को दिए अपने इंटरव्यू में बताती हैं कि बचपन में ही उन्हें अपने सरनेम के कारण अटेंशन मिलता रहा है. वह कहती हैं कि "मैं हमेशा से सभी के साथ वैसी ही रही जैसी मैं हूं. उस समय मैं 12-13 साल की थी."
इसी इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने स्कूल बदला और वह बांबे इंटरनेशल स्कूल को छोड़कर अमेरिकन स्कूल ऑफ बांबे ज्वाइन किया और आखिरकार उन्होंने वो स्कूल भी छोड़ दिया और घर से ही स्कूलिंग की. वह कहती हैं कि यह भी बड़ा रोचक सफर था मैं जो भी पढ़ना होता था वो तीन-चार घंटे में पढ़ लेती थी और फिर मैं अपने म्यूजिक, स्विमिंग के शौक को पूरा किया करती थी.
अनन्या अभी तीस साल की हैं और वो 17 साल की उम्र में बिजनेस में कदम रख दिया था. उन्होंने इसी उम्र में स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड,मुंबई की शुरुआत की थी. यह कंपनी कम आय वाले ग्राहकों की मदद करती थी.
वह कहती हैं कि माइक्रोफाइनांस एक ऐसा टूल है जो गरीबों को आगे बढ़ने में मदद करता है. हालांकि अनन्या ने 2017 में ही साफ कर दिया था कि वह बिजनेस को नजरअंदाज नहीं कर रही हैं. जैसे ही सही वक्त आएगा वो बिजनेस में आ जाएंगी.
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