पिछले काफी समय से स्टार्टअप एंजल टैक्स हटाने की मांग कर रहे थे. देश में उद्यमियों को बढ़वा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 (Budget 2024) में बड़ा तोहफा दिया है. वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स हटाकर (Angle Tax Abolished) निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. एंजल टैक्स की शुरुआत साल 2012 में की गई थी 2023 के वित्त अधिनियम के जरिए इसे और विस्तार दिया गया था. जानें क्या होता है एंजल टैक्स और क्यों इसे हटाने की मांग हो रही थी.
स्टार्टअप और निवेशकों को दी बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंजल टैक्स खत्म करने का ऐलान करते हुए बजट भाषण में कहा, 'मैं स्टार्टअप्स में निवेशकों के सभी वर्गों के लिए एंजल टैक्स को खत्म करने का प्रस्ताव करती हूं.' इसके अलावा, मिडिल और अपर मिडिल क्लास के लिए फाइनेंशियर एसेट्स कैपिटल गेन की सीमा भी बढ़ाई गई है. नई सीमा अब 1.25 लाख सालाना किया गया है.
यह भी पढ़ें: बजट में किसानों के लिए वित्त मंत्री ने खोल दिया पिटारा, नई स्कीम और 1.48 लाख करोड़ का तोहफा
क्या होता है एंजल टैक्स और क्यों होता था इसका विरोध
Angel Tax अनलिस्टेड बिजनेस पर लिया जाने वाला टैक्स था. नए बिजनेस और स्टार्टअप को जब किसी एंजेल निवेशक से फंडिंग मिलती है, तो उस पर यह टैक्स लगता था. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत Angel Tax चुकाने का प्रावधान है.
स्टार्टअप की ओऱ से इसके विरोध के पीछे वजह थी कि कई बार किसी स्टार्टअप को उसकी फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) से भी ज्यादा इनवेस्टमेंट मिल जाता है. ऐसी स्थिति में स्टार्टअप को 30.9 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है. यही वजह है कि स्टार्टअप और निवेशक इस टैक्स का विरोध कर रहे थे और आखिरकार वित्त मंत्री ने इसे खत्म करने का ऐलान कर दिया है.
यह भी पढ़ें: Budget 2024 for Bihar:बिहार के लिए केंद्र ने खोला खजाना, एक्सप्रेस-वे से लेकर मेडिकल कॉलेज तक
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.