डीएनए हिंदी: त्योहारी सीजन पहले देश के तीन बड़े सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. इन बैंकों ने अपनी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), केरना बैंक और बैंक और महाराष्ट्र शामिल हैं. इन बैंकों ने कोष की सीमान्त लागत आधारित (एमसीएलआर) ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को पेश अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.50 प्रतिशत पर यथावत रखा है, इसके बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की घोषणा की.
इन बैंकों के इस कदम से एमसीएलआर से जुड़ी ग्राहकों की मासिक किस्त (EMI) बढ़ जाएगी. बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को बताया कि एक साल की एमसीएलआर को संशोधित कर 8.70 प्रतिशत किया गया है. यह अभी 8.65 प्रतिशत है. नई दरें 12 अगस्त से प्रभावी होंगी. केनरा बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की है. यह अब बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गई है.
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ब्याज दरें 10 अगस्त से लागू
सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) ने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की है. बीओएम ने शेयर बाजार को बताया, इसके साथ ही एक साल की एमसीएलआर 8.50 प्रतिशत से बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई है. बीओएम की बढ़ी हुई ब्याद दरें 10 अगस्त से लागू हो गई हैं.
HDFC बैंक के प्रमुख क्या बोले?
वहीं, HDFC बैंक के प्रमुख शशिधर जगदीशन ने शुक्रवार को कहा कि एचडीएफसी लि. बैंक में सफल विलय के साथ अब फाइनेंसिंग एक जोखिम है. इसके अलावा शुद्ध ब्याज मार्जिन भी प्रभावित हो सकता है. 1 जुलाई से विलय के प्रभाव में आने के बाद इसकी पहली वार्षिक आम बैठक में जगदीशन ने देश के सबसे बड़े बैंक के शेयरधारकों से कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, विलय का जोखिम इसका वित्तपोषण हिस्सा है.’ हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि बैंक वित्तपोषण चुनौती से निकलने में सक्षम होगा. निदेशक मंडल, नेतृत्व और कर्मचारी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि उन्हें क्या करना है.
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सीईओ और प्रबंध निदेशक जगदीशन ने कहा कि विलय की जो अहमियत है, वह इससे मिलने वाले लाभों से समझ में आता है. कर्मचारी वित्तपोषण चुनौती से निपटने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि समय ही बताएगा. लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि पिछले 10 साल में हम जिस तरह से आगे बढ़े हैं, ऐसा कोई कोई कारण नहीं है कि हम चुनौतियों से पार नहीं पा सकेंगे.’ जगदीशन ने कहा कि बैंक ने बॉन्ड जारी कर 50,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिये शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है.
उन्होंने कहा कि एचडीएफसी के साथ विलय से बैंक के शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) पर असर पड़ने की आशंका है क्योंकि इसमें कम ब्याज वाले आवास ऋण का अनुपात अधिक है. यह सितंबर तिमाही के नतीजों से दिखाई देगा. जगदीशन ने कहा कि हालांकि आवास ऋण बेहतर पुनर्भुगतान अनुपात के मामले में भी लाभ प्रदान करते हैं. इससे ऐसे कर्जों पर लागत कम हो जाती है.
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