BharatPe के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कर्मचारियों को बताया दिहाड़ी मजदूर, ट्विटर यूजर्स ने दिया ऐसा जवाब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 09, 2022, 11:07 PM IST

Ashneer Grover Controversy 

अशनीर ग्रोवर ने प्रशांत पिट्टी को ट्विटर पर रिप्लाई देते हुए लिखा था कि भारत में एक हाथ लो एक हाथ दो वाला सिस्टम काम करता है.

डीएनए हिंदी: फिनटेक (FinTech) कंपनी भारत पे (BharatPe) के को-फाउंडर (Co-Founder) अशनीर ग्रोवर(Ashneer Grover) एक बार फिर विवादों में आ गए है. दरअसल EaseMyTrip के को-फाउंडर प्रशांत पिट्टी (Prashant Pitti) ने कर्मचारियों को लेकर ट्वीट किया था जिस पर अशनीर ने सलाह देते हुए कहा कि अपने कर्मचारियों को दिहाड़ी मजदूर की तरह काम पर रखें.

क्या है मामला?

जॉब और रिक्रूटमेंट का मुद्दा हमेशा चर्चा में रहता है. हाल ही में EaseMyTripe के को-फाउंडर प्रशांत पिट्टी ने एंप्लाई को लेकर एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि ‘कुछ लोग किसी भी कंपनी में हायरिंग प्रोसेस पूरी होने और ऑफर लेटर मिलने के बाद, जब कंपनी में ज्वाइन करने का टाइम आता है, तो मना कर देते हैं'.

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पिट्टी ने ट्विटर अकाउंट पर अपनी बातों से संबंधित एक कैंडिडेट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है और साथ ही यह भी पूछा है कि क्या इसका कोई समाधान है? भारत में एक हाथ लो एक हाथ दो वाला सिस्टम काम करता है प्रशांत पिट्टी के स्क्रीन शॉट शेयर किए जाने और समाधान पूछने पर भारत पे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने सलाह देते हुए कहा कि प्रशांत भारत में कांट्रेक्ट की कोई वैल्यू नहीं है और भारत का कानूनी सिस्टम भी इतना खर्चीला और खराब है कि न तो कोई कंपनी कैंडिडेट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है न ही कोई कैंडिडेट किसी कंपनी के खिलाफ ऐसा कर सकता है.

जमकर ट्रोल हुए अशनीर ग्रोवर
उन्होंने कहा कि भारत में तो एक हाथ लो, एक हाथ दो वाला सिस्टम काम करता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रशांत आप अपने उम्मीदों को कम रखें और सैलरीड एंप्लाई के बदले दैनिक मजदूरों को काम पर रखें. फिर क्या था दिहाड़ी मजदूर कहना अशनीर को भारी पड़ गया और यूजर्स उन्हें निशाने पर लेने लगे. ट्विटर यूजर ने दिया ऐसा जवाब अशनीर के दिहाड़ी मजदूर वाली इस टिप्पणी पर यूजर्स तरह तरह की प्रतिक्रिया देने लगे.

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एक यूजर ने लिखा कि कंपनिया चाहती हैं कि कर्मचारी एक महीने से भी कम में कंपनी ज्वाईन कर लें लेकिन खूद नौकरी छोड़ने से पहले तीन महीने पहले नोटिस देने का नियम बना देती है. वहीं, दूसरे यूजर ने पूछा कि अगर उसको दूसरे जगह से बेहतर सैलरी मिल रहा है, तो वह क्यूं नहीं जाए. इसी कंपनी में क्यू रुके?

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