पैसा डूबने का बना महारिकॉर्ड, कनाडा और रूस की जीडीपी से भी ज्यादा गंवाई संपत्ति

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 21, 2022, 08:59 AM IST

अमेरिकन इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक इंक ने अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया है. यह रिकॉर्ड है नुकसान का. कंपनी को बीते 6 महीनों में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.

 डीएनए हिंदी: वैसे तो दुनिया की कई कंपनी ऐसी है जिनकी वैल्यू बड़े-बड़े देशों की जीडीपी के बराबर है. साथ ही उनका नुकसान भी उसी तरीके से होता है. लेकिन जब आपको पता चले कि एक कंपनी ऐसी भी जिसका नुकसान 6 महीने में कनाडा जैसे विकसित देश और रूस जैसी महाशक्ति की जीडीपी के बराबर हो गया है तो क्या करेंगे. जी हां, अमेरिकन इंवेस्टमेंट कंपनी ब्लैकरॉक इंक (Blackrock Ink) ने बीते 6 महीने में हुए नुकसान का महारिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. इस कंपनी का नुकसान कनाडा और रूस की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है. आइए आपको भी बताते हैं कि कंपनी का नुकसान कितना बड़ा है और उसे यह​ नुकसान कैसे हुआ. 

रूस और कनाडा की जीडीपी से ज्यादा नुकसान 
अमेरिकन इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक इंक ने अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया है. यह रिकॉर्ड है नुकसान का. कंपनी को बीते 6 महीनों में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. यह नुकसान साल 2022 की पहली छमाही में हुआ है. ताज्जुब की बात तो ये है कि यह नुकसान कनाडा और रूस की जीडीपी से भी ज्यादा है. World Bank के आंकड़ों के अनुसार कनाडा की जीडीपी (Canada GDP)  साल 2022 में 1.63 ट्रिलियन डॉलर है और रूस की जीडीपी (Russia GDP) 1.50 ट्रिलियन डॉलर है. अब आप समझ सकते हैं कि कंपनी को पहली छमाही में कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. 

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50 साल का सबसे खराब दौर 
ब्लैकरॉक की ओर से पिछले सप्ताह अपने इंवेस्टमेंट के प्रदर्शन के आंकड़ों को सामने रखा. कंपनी ने जानकारी देते कहा था कि कंपनी को पहली छमाही में नुकसान शेयर बाजारों में आई गिरावट के कारण हुआ. कंपनी के चेयरमैन और सीईओ लैरी फिंक के अनुसार साल 2022 के पहले छह महीने शेयर मार्केट और बॉन्ड मार्केट दोनों के लिहाज से पिछले 50 सालों का सबसे खराब दौर रहा है. कुछ कंपनियां ने जहां शेयर बाजार में आई गिरावट को अपने पर हावी नहीं होने दिया तो कुछ अभी संघर्ष करती हुई दिखाई दे रही हैं. अगर बात ब्लैकरॉक की करें तो कंपनी लगातार हार मानती हुई दिखाई दे रही है. जून महीने के अंत में, सिर्फ इसकी एक चौथाई एसेट्स को ही एक्टिव तरीके से मैनेज किया गया था, ताकि वो बेंचमार्क को मात दे सकें. बाकी पैसिव पॉलिसी पर काम कर रहे थे. 

गिरावट में ऐसे काम कर रही थीं इंवेस्टमेंट कंपनी 
इक्विटी बिजनेस में फंड के डायवर्सिफिकेशन की काफी अहमियत होती है. लगभग पूरी इंजस्ट्री में फंड को एक्टिव रणनीतियों से निकाल पैसिव में डाला गया. ब्लैकरॉक के केस में पिछले एक दशक में करीब 21 अरब डॉलर एक्टिव इक्विटी से निकाला गया है और इसके साथ 73 अरब डॉलर इंडेक्स इक्विटी में डाला गया है. कंपनी की पैसिव स्कीमों से जुड़ी इक्विटी होल्डिंग अब उसके एक्टिव बिजनेस से करीब 10 गुना बड़ी है. हालांकि इसके साथ यह कुछ मल्टी-एसेट और वैकल्पिक रणनीति वाले फंड को भी मैनेज करती है.

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