वित्तीय बजट सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक वार्षिक वित्तीय विवरण होता है, जिसमें आने वाले फाइनेंशियल इयर के लिए सरकार का पूरा प्लान होता है. बजट सरकार के निए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकताओं और नीतियों को दर्शाता है और देश के आर्थिक विकास की दिशा निर्धारित करता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सातवीं बार संसद में बजट पेश करने वाली हैं. ये मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट होगा.
क्या होता है टैक्स स्लैब
भारत में किसी व्यक्ति की कर देनदारी उनकी सालाना कमाई पर निर्भर करती है. टैक्स को सालाना कमाई के आधार पर अलग-अलग स्लैब में बांटा गया है. स्लैब की वृद्धि के आधार पर देय कर की दरें बढ़ती हैं. सरकार ने अलग-अलग स्लैब पर आयकर दरें तय की हैं और आपको कर देने से पहले इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए.
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नए टैक्स स्लैब में हुए ये बदलाव
- दो तिहाई से ज्यादा लोगों ने इनकम टैक्स के लिए न्यू रिजीम चुना और इसका लाभ उठाया.
- इनकम टैक्स एक्ट 1861 की समीक्षा अगले 6 महीने में की जाएगी.
- इनकम टैक्स एक्ट को आसान बनाना है मकसद
- कैपिटल गेन टैक्सेशन को सरल बनाने का कही बात.
- TDS की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा.
- ई-कॉमर्स ऑपरेटर को TDS में भारी छूट मिलेगी.
- निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए कैपिटल गेन टैक्सेशन में बड़ी छूट सीमा का ऐलान.
- स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार हुई.
- दोनों टैक्स रिजीम को एक किया गया.
- 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं
- 3 से 7 लाख - 5 प्रतिशत टैक्स
- 7 से 10 लाख - 10 प्रतिशत टैक्स
- 10 से 12 लाख - 15 प्रतिशत टैक्स
- 12 से 15 लाख- 20 प्रतिशत टैक्स
- 15 लाख से ऊपर - 30 प्रतिशत टैक्स
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