Bullet Train Progress Report: जानिए कहां कितना काम हो गया पूरा, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 17, 2022, 09:09 AM IST

Bullet Train Progress Report: बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी. ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को मौजूदा छह घंटे से घटाकर लगभग तीन घंटे करने की उम्मीद है.

डीएनए हिंदीः रेल मंत्रालय ने अपने ट्विटर (Railway Ministry Tweet) हैंडल पर मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट का मौजूदा स्टेटस शेयर (Bullet Train Progress Report) किया है. जिसमें मिनिस्ट्री की ओर से जानकारी दी गई है कि ट्रैक और स्टेशंस के लिए कितनी लैंड कहां से अधिग्रहित की जा चुकी हैै. साथ ही रूट पर कितने पिलर्स और कितले किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रेलवे मिनिस्ट्री ने किस तरह के आंकड़ें सामने रखे हैं. 

बुलेट ट्रेन प्रोग्रेस रिपोर्ट
भूमि अधिग्रहण की स्थिति

1) गुजरातः 98.8 फीसदी

2) डीएनएचः 100 फीसदी

3) महाराष्ट्रः 75.25 फीसदी

 

 

कार्यों की प्रगति
1)
162 किमी पाइलिंग का काम पूरा

2) 79.2 किमी घाट का काम पूरा

3) साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब का काम पूरा होने वाला है.

508.17 किलोमीटर लंबा नेटवर्क महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे और पालघर और गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, खेड़ा और अहमदाबाद से होकर गुजरेगा.

संघ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था के मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (एमएएचएसआर) के निष्पादन में देरी के प्रमुख कारण महाराष्ट्र राज्य में भूमि अधिग्रहण में देरी और अनुबंधों को अंतिम रूप देने में देरी के साथ-साथ कोविड​​​​-19 के प्रतिकूल प्रभाव हैं. 

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अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन की स्पीड
बुलेट ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी. ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को मौजूदा छह घंटे से घटाकर लगभग तीन घंटे करने की उम्मीद है.

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना की कुल लागत
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है और शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, केंद्र सरकार को एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों - गुजरात और महाराष्ट्र - को प्रत्येक को 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. शेष राशि का भुगतान जापान द्वारा 0.1 प्रतिशत ब्याज पर लोन के माध्यम से किया जाना है.

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