उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रॉपर्टी खरीदना अब महंगा होने जा रहा है. शहर की सीमा से लगे गांव और मुख्य मार्गों के दोनों जमीन के सर्किल रेट बढ़ने वाले हैं. इस संबंध में एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है. सर्किल रेट बढ़ाने से पहले अधिकारियों को सभी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
सर्किल रेट में होगी बढ़ोतरी
शहरों में रहे विस्तार के साथ अब जमीनों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. धीरे-धीरे प्रॉपर्टी से लेकर सभी चीजें खरीदना महंगा होता जा रहा है. ऐसे में अब गाजियाबाद में भी मकान और दुकान खरीदना महंगा होने वाला है. आपको बता दें कि लोग जमीन खरीदते समय स्टांप शुल्क सर्किल रेट के आधार पर देते हैं, लेकिन असल में जमीन कई गुना पैसे में खरीदते हैं. इसका बड़ा कारण पिछले कई सालों से सर्किल रेट में बढ़ोतरी न होना बताया जा रहा है.
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बैठक में हुआ निर्णय
पिछले दिनों अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व और सहायक महानिरीक्षक निबंधन की बैठक हुई थी. इस बैठक में सर्किल रेट का मुद्दा उठाया गया. बैठक में सामने आया कि शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. लोग कृषि भूमि के सर्किल रेट पर जमीन के बैनामे करा रहे हैं और जमीन की खरीद बाजार भाव पर कर रहे हैं. इससे सीधे तौर पर राजस्व हानि हो रही है.
यह देखते हुए पूरे जनपद में सर्किल रेट बढ़ाने के लिए सर्वे करना तय हुआ. इसके लिए उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम को निर्देश दिए गए. आदेश के बाद टीम ने जनपद के अलग-अलग क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है. ये सर्वे 15 जुलाई तक पूरा किया जाएगा.
इस आधार पर हो रहा सर्वे
1.जिन क्षेत्रों में बाजार दर सर्किल रेट से अधिक हैं, वहां जांच के बाद तय होगा कि कितना सर्किल रेट बढ़ाया जाए.
2. ऐसे क्षेत्र या मुख्य मार्ग जिनमें व्यावसायिक गतिविधियों बढ़ रही हैं, उन क्षेत्रों में नए सेगमेंट का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.
3. सभी मार्गों पर पड़ने वाली कृषि भूमि क्षेत्र की जांच होगी कि कहीं वहां कोई व्यावसायिक गतिविधि तो नहीं चल रही. इसके बाद सर्किल रेट तय किया जाएगा.
4. आबादी वाले क्षेत्रों के खसरा नंबरों की जांच करने के साथ सर्किल रेट और बाजार भाव का अंतर पता लगाया जाएगा.
5. जमीनों के गाटा नंबर खोलकर उनमें किस प्रकार की गतिविधि हो रही है उसकी जांच की जाएगी.
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