डीएनए हिंदी: कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव (Canada India Tension) से 30 भारतीय कंपनियों की चिंता बढ़ गई है. इन कंपनियों ने कनाडा में 40,446 करोड़ रुपये का निवेश किया है, और वे अपने कारोबार को बढ़ाने की योजना बना रही थीं. हालांकि, तनाव के कारण उनकी योजनाओं में बदलाव आ सकता है. इन कंपनियों में इंफोसिस (Infosys), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो (Wipro), अडानी ग्रुप (Adani Group) और एलएंडटी (L&T) शामिल हैं. ये कंपनियां कनाडा में सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं.
कनाडा की अर्थव्यवस्था पर संकट
कनाडा भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. 2022 में, भारत से कनाडा के निर्यात 10.7 अरब डॉलर थे, जबकि कनाडा से भारत के आयात 12.5 अरब डॉलर थे. तनाव के कारण इन व्यापारिक संबंधों में बाधा आ सकती है, जिससे कनाडा की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है.
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तनाव के कारण ये प्रभाव पड़ सकते हैं:
- भारतीय कंपनियां कनाडा में अपने निवेश को कम कर सकती हैं या वापस ले सकती हैं.
- कनाडा में भारतीय उत्पादों और सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है.
- कनाडा में भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है.
- इन कंपनियों को चिंता है कि तनाव के कारण उनके कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने सरकार से तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है.
दोनों देशों को तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने की जरुरत है.
- दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत किया जाना चाहिए.
- दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
- दोनों देशों के बीच लोगों के बीच सद्भावना बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.
- अगर दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हो पाता है, तो तनाव बढ़ने की संभावना है. इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान हो सकता है.
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