देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में डीएचएफएल के पूर्व चेयरमैन, निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 22, 2022, 05:06 PM IST

सीबीआई ने 17 बैंकों के समूह के साथ 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के वधावन बंधुओ के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया है. 

डीएनए हिंदी: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन यानी सीबीआई (CBI) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह के साथ कथित 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल के कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया है. यह एजेंसी की जांच के दायरे में आई अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी (Biggest Banking Fraud) है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है. 

इन पर दर्ज हुआ मुकदमा 
जांच एजेंसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि.(डीएचएफएल), तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के साथ कथित तौर पर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिये आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने बैंक से 11 फरवरी,2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की. वधावन बंधु कथित भ्रष्टाचार के मामले में फिलहाल सीबीआई जांच के घेरे में हैं. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने 11 फरवरी, 2022 को बैंक की शिकायत पर कार्रवाई की है. कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला एबीजी शिपयार्ड द्वारा 23,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की राशि को पार कर गया है.

गेहूं से लेकर मसालों तक के दाम में बड़ी गिरावट, देखें कितनी कम हुई महंगाई

राणा कपूर भी है घोटाले में शामिल 
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में वधावन पहले से ही सीबीआई जांच के दायरे में हैं. एजेंसी ने आरोप लगाया कि कपूर ने वधावन के साथ यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए एक आपराधिक साजिश में एंट्री ली. जिसके बदले में उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को उनके द्वारा आयोजित कंपनियों के माध्यम से पर्याप्त अनुचित लाभ मिला. सीबीआई की एफआईआर के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच आकार लेना शुरू कर दिया, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया. बदले में, वधावन ने कथित तौर पर डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को लोन के रूप में कपूर और परिवार के सदस्यों को “600 करोड़ रुपये का भुगतान” किया.

Inflation को कम करने का 'बाइडेन प्लान', क्या दुनिया से कम होगी महंगाई?

पिरामल ने किया है डीएफएचएल का अधिग्रहण 
ईडी की चार्जशीट में राणा कपूर और कपिल और धीरज वधावन के बीच एक आपराधिक साजिश का संकेत दिया गया था, जिसमें संदिग्ध लेनदेन के माध्यम से धन की हेराफेरी करके अत्यधिक अधिक मूल्य वाली संपत्ति गिरवी रख कर लोन प्राप्त किया गया था. पिछले साल सितंबर में, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस (पीसीएचएफ) ने 34,250 करोड़ रुपये में डीएचएफएल का अधिग्रहण पूरा किया था, जिसमें एक नकद घटक और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) शामिल हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.