डीएनए हिंदी: ऑटोमोटिव सेक्टर (Automotive Sector) के लिए एक अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को एक और साल के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री (Minister Of Heavy Industries) महेंद्र नाथ पांडे ने मंगलवार को घोषणा की कि ऑटो उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा. विस्तार के बाद यह 5 वर्षीय योजना 2027-2028 वित्तीय वर्ष तक चलेगी. हालांकि मूल योजना 2022-2023 से 2026-2027 तक चलने वाली थी. वर्तमान में, इनसेंटिव स्कीम केवल घरेलू स्तर पर एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स (वाहनों और स्पेयर पार्ट्स) की कुछ बिक्री के लिए 1 अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए वैलिड है. स्थानीय लोगों के पक्ष में भारी उद्योग मंत्री ने "योजना को एक साल के लिए बढ़ाने का फैला लिया.''
हर तीन महीने पर मिलती है सब्सिडी
मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने पहले कहा था कि मंत्रालय ने इस योजना के लिए उन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है जो उसे ऑटो उद्योग से जुड़े विभिन्न पक्षों से मिली थीं. इसमें घरेलू स्तर परवैल्यू एडिशन की जाँच करने वाली एजेंसियों की संख्या मौजूदा दो से बढ़ाकर चार करना और तिमाही आधार पर सब्सिडी वितरित करना शामिल है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इन उपायों के परिणामस्वरूप पीएलआई योजना गति पकड़ेगी ".
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PLI योजना को प्रभावी बनाना प्राथमिकता
मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान पीएलआई स्कीम की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं पर सहयोग देने का आग्रह किया. उन्होंने घोषणा की कि सरकार एक अनुकूल व्यापारिक माहौल को बढ़ावा देने और देश के ऑटो उद्योग के विकास में तेजी लाने को लेकर काम कर रही है.
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प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम वास्तव में क्या है?
पीएलआई स्कीम मार्च 2020 में मोदी सरकार ने शुरू की थी जिसका लक्ष्य व्यवसायों को घरेलू फर्मों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है. पीएलआई स्कीम का लक्ष्य वैश्विक बाजार में घरेलू विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है.
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