सरचार्ज बढ़ाने के बाद भी नहीं बढ़ेगा दिल्ली में बिजली का बिल, जानें सीएम केजरीवाल ने क्या दी जानकारी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 12, 2022, 08:59 AM IST

अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के जिन लोगों को मुफ्त बिजली मिल रही है, उन्हें भविष्य में भी मुफ्त बिजली मिलती रहेगी. 201 से 400 यूनिट तक बिजली का शुल्क आधी दरों पर दिया जाता है, वह भी जारी रहेगा.

डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal)  ने दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि बिजली की लागत बढ़ने के साथ पीपीएसी (PPAC) में 4 फीसदी की इजाफे का असर कंज्यूमर पर नहीं दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आम लोगों को सब्सिडी (Electricity Subsidy) का फायदा दिया जा रहा है, वो फायदा बादस्तूर जारी रहेगा. आपको बता दें कि सोमवार को खबर आई थी दिल्ली सरकार ने पीपीएसी में 4 फीसदी का इजाफा कर दिया है जिसका असर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बिजली के बिल (Electricity Bill) में 2 से 6 फीसदी दिखाई देगा. जिसके बाद राजधानी के लोगों में काफी चर्चाएं शुरू हो गई थी. 

मिलती रहेगी राहत 
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के जिन लोगों को मुफ्त बिजली मिल रही है, उन्हें भविष्य में भी मुफ्त बिजली मिलती रहेगी. 201 से 400 यूनिट तक बिजली का शुल्क आधी दरों पर दिया जाता है, वह भी जारी रहेगा. चाहे कुछ भी हो जाए, दिल्ली के लोगों को दी जा रही राहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जो कुछ भी हुआ है उसका उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा." बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) बाजार संचालित फ्यूल लागत में बदलाव के लिए डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक सरचार्ज है. अधिकारियों ने कहा कि पीपीएसी को कुल ऊर्जा लागत और बिजली बिल के फिक्स्ड चार्ज कंपोनेंट पर सरचार्ज के रूप में लागू किया जाता है. दिल्ली में पीपीएसी में 11 जून से 4 फीसदी की वृद्धि की गई है.

डीईआरसी की मंजूरी के बाद लिया फैसला 
इस बीच, बिजली विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद कोयले और गैस जैसे फ्यूल की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ोतरी की गई थी. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि दिल्ली में डीईआरसी की मंजूरी के अनुसार पीपीएसी में 11 जून से 4 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. 

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सभी राज्यों को बनाना होता है एक मैकेनिज्म 
डिस्कॉम के एक अधिकारी ने कहा कि 9 नवंबर, 2021 को बिजली मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक राज्य नियामक आयोग (दिल्ली के मामले में डीईआरसी) को बिजली क्षेत्र की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए टैरिफ में ईंधन और बिजली खरीद लागत के स्वत: पास के लिए एक मैकेनिज्म बनाना होगा. उन्होंने कहा कि 25 से अधिक राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों ने फ्यूज सरचार्ज समायोजन फॉर्मूला लागू किया है. पीपीएसी विद्युत अधिनियम, डीईआरसी के अपने टैरिफ आदेशों और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) के आदेशों के तहत एक आवश्यकता है. केंद्रीय नियामक आयोग, सीईआरसी मासिक आधार पर एनटीपीसी, एनएचपीसी और ट्रैंकोस, पीपीएसी जैसे केंद्रीय पीएसयू जेनकोस को अनुमति देता है. दूसरी ओर, दिल्ली डिस्कॉम को त्रैमासिक आधार पर पीपीएसी की अनुमति है.

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इसलिए बढ़ाया जाता है पीपीएसी 
पीपीएसी फ्यूल की कीमतों में वृद्धि को ऑफसेट करने के लिए लगाया जाता है. ताजा उदाहरण के तहत पीपीएसी को बढ़ाने का निर्णय आयातित कोयले के सम्मिश्रण, गैस की कीमतों में वृद्धि और बिजली एक्सचेंजों में उच्च कीमतों पर आधारित है, जो सीईआरसी द्वारा 12 रुपये प्रति यूनिट तक सीमित होने से पहले लगभग 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गया था.

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