डीएनए हिंदी: इंटरनेशनल मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में एक बार फिर से रीबाउंड देखने को मिल रहा है. बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) आज एक महीने के हाई पर पहुंचे, जबकि इथेरियम की कीमत (Ethereum Price) भी पांच हफ्तों की उंचाई पर कारोबार कर रही है. 8 जून के बाद बिटकॉइन 22 हजार डॉलर से ज्यादा पर कारोबार करता हुआ दिखाई दे राहा है. जानकारों की मानें तो यूरोपीय बाजारों में तेजी और डॉलर इंडेक्स के टूटने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में तेजी देखने को मिल रही है. वैसे अगले महीने में फेड की दरों (Fed Rates) का ऐलान होना है और महंगाई को देखते हुए ब्याज दरों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जिसकी वजह से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में गिरावट देखने को मिल सकती है.
बिटकॉइन और बाकी करेंसी के दाम
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान दोपहर को 8 फीसदी की तेजी के साथ 22,419 डॉलर कारोबार कर रही थी, जोकि करीब एक महीने का हाई है. वहीं इथेरियम 11 फीसदी के इजाफे के साथ 1,487.50 डॉलर के पांच सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गया. एवालांशे और पॉलीगन जैसे कॉइन में दो डबल डिजिट की तेजी देखने को मिल रही है. आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में 4 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है, जिसके बाद मार्केट कैप एक ट्रिलियन डॉलर पर कारोबार कर रहा है.
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क्रिप्टो वॉल्यूम
पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो बाजार का वॉल्यूम 11.84 फीसदी की वृद्धि के साथ 75.31 बिलियन डॉलर है. DeFi की कुल वॉल्यूम मौजूदा समय में 6.53 बिलियन डॉलर का देखने को मिल रहा है, जो कुल क्रिप्टो बाजार 24 घंटे की मात्रा का 8.67 फीसदी है. सभी स्टेबल कॉइन का वॉल्यूम अब 67.70 बिलियन डॉलर है, जो कि 24 घंटे के कुल क्रिप्टो बाजार की मात्रा का 89.89 फीसदी है. जून के क्रिप्टोकरेंसी वाइपआउट ने एक तेज रिबाउंड का रास्ता खोला है, इस महीने इथेरियम में 45 फीसदी की तेजी देखने को मिली है, जबकि पॉलिगन 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है.
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अभी छाए हुए हैं काले बादल
जानकारों का कहना है कि इस सेक्टर में अभी भी करले बादल छाए हुए हैं. लगातार बढ़ती महंगाई से दुनिया भर में मौद्रिक तंगी को ट्रिगर करने की उम्मीद है. मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए फेड ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी के रूप में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को पूरे साल चोट पहुंचाई है. पहली छमाही के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई है, प्रमुख एक्सचेंजों में स्पॉट और डेरिवेटिव वॉल्यूम में गिरावट आई है. कुछ जानकारों का कहना है कि अब फेड की ब्याज दरें क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उतना असर नहीं डालेंगी. क्रिप्टोकरेंसी जितना डिस्काउंट होना था वो चुका है, यहां से इसमें तेजी ही देखने को मिलेगी.
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