Currency Printing Rate: 500 रुपये से ज्यादा महंगा हुआ 200 रुपये का नोट, पढ़ें RBI ने क्या दी जानकारी 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 22, 2022, 04:39 PM IST

Currency Printing Rate List: एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने कहा है कि कागज महंगा होने के कारण नोटों को छापने की लागत में इजाफा हो गया है. 

डीएनए हिंदी: देश में लगातार बढ़ती महंगाई का असर देश में करेंसी छापने पर भी पड़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट में आरटीआई RTI) के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार आरबीआई (RBI)की 200 रुपये के नोट छापने की लागत (Currency Printing Rate) 500 रुपये के मुकाबले ज्यादा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 200 रुपये का नोट छापना 500 रुपये मुकाबले ज्यादा महंगा हो गया है. एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने जानकारी दी कि 10 रुपये का नोट छापने की लागत 20 रुपये के नोट छापने से ज्यादा हो गई है. इसका कारण कागज की बढ़ती कीमतों की वजह से है. वहीं  आरबीआई 2 हजार रुपये का नोट छापना बंद कर दिया है. 

किस नोट को छापने में आजा कितना खर्च 

  • 10 रुपये के एक हजार नोट छापने का खर्च 960 रुपये है. 
  • 20 रुपये के 1000 नोट छापने का खर्च 950 रुपये है. 
  • इसका मतलब है कि 10 रुपये का नोट छापने में 20 रुपये के नोट के मुकाबले ज्यादा खर्चील है. 
  • 500 रुपये के हजार नोट छापने पर 2,290 रुपये खर्च होते हैं. 
  • 200 रुपये के हजार नोट छापने पर कुल खर्च 2,370 रुपये है. 
  • 100 रुपये के हजार नोट छापने पर 1,770 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. 


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50 रुपये के नोट छापने की लागत में सबसे ज्यादा इजाफा 
अगर बात नोटों को छापने की लागत पर बात करें तो सबसे ज्यादा 50 रुपये के नोट में देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2020—21 में 50 रुपये के एक हजार नोट छापने का खर्च 920 रुपये आता था, जो 2021-22 में 23 फीसदी बढ़कर 1,130 रुपये पर आ गया. सबसे कम प्रभाव 20 रुपये के नोट में देखने को मिला है. फिस्कल ईयर 2020-21 में 20 रुपये के हजार नोट छापने पर खर्च 940 रुपये था, जो बढ़कर 950 रुपये हो गया. इस दौरान 500 रुपये के नोट की छपाई की लागत में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला है. 

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देश में यहां होती है नोटों की छपाई 
आरबीआई और केंद्र सरकार देश के चार अलग—अलग हिस्सों में नोटों की छपाई करती है. जिनमें से दो प्रेस आरबीआई के अंडर में हैं, दो प्रेस केंद्र सरकार के अंडर में काम करते हैं. आरबीआई के अंडर में आने वाली प्रेस मैसूर और सालबोनी में स्थित है. केंद्र सरकार के प्रेस नासिक और देवास में मौजूद है. हालांकि, सिक्‍के ढालने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. देश में मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में सिक्‍कों की ढलाई होती है.

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