Digital Arrest: भारत में डिजिटल अरेस्ट का 'आतंक', महज 4 महीने में 120 करोड़ की ठगी

Written By राजा राम | Updated: Oct 28, 2024, 01:16 PM IST

Digital Arrest: भारत में साइबर अपराध में तेजी से वृद्धि हो रही है. हाल के समय में डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए कई भारतीयों को पैसे का नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हालिया मन की बात कार्यक्रम में इस मुद्दे पर नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.

Digital Arrest: भारत में साइबर अपराध एक गंभीर और तेजी से बढ़ता हुआ संकट बन चुका है, जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है. हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 की शुरुआत के कुछ ही महीनों में डिजिटल अरेस्ट के जरिये लगभग 120 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.

'मन की बात' में भी चर्चा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को 'मन की बात' के 115वें एपिसोड में देश को 'डिजिटल गिरफ्तारी' धोखाधड़ी के बारे में जागरूक किया. इस एपिसोड में उन्होंने एक ऑडियो साझा किया, जिसमें एक ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर आधार कार्ड की जानकारी मांगता है. इस उदाहरण के माध्यम से पीएम मोदी ने नागरिकों से अपील की कि वे इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों से सतर्क रहें और किसी भी साइबर अपराध की तत्काल रिपोर्ट करें.

2024 में करोड़ों रुपये की ठगी
गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 के शुरुआती चार महीनों में ही डिजिटल गिरफ्तारी से जुड़ी धोखाधड़ी ने जोर पकड़ लिया है. जनवरी से अप्रैल के बीच  में 46% साइबर धोखाधड़ी मामलों में डिजिटल गिरफ्तारी शामिल थी. इन धोखाधड़ी गतिविधियों के चलते भारतीय से करीब 120.30 करोड़ रुपये ठगे गए. डिजिटल गिरफ्तारी में, ठग एक नकली कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल करता है और उसे किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाता है. इसके बाद, वह व्यक्ति को धमकी देकर तत्काल पैसे की मांग करता है. 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित साइबर अपराध
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की रिपोर्ट के अनुसार, इस धोखाधड़ी का संचालन मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी एशिया के तीन देशों – म्यांमार, लाओस, और कंबोडिया से किया जा रहा है. इन देशों में सक्रिय साइबर अपराध गिरोह भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर बड़ी संख्या में फर्जी कॉल और ईमेल भेज रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 के पहले चार महीनों में 7.4 लाख साइबर धोखाधड़ी शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 15.56 लाख था. डिजिटल गिरफ्तारी में अब तक 120.30 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है, जबकि ट्रेडिंग धोखाधड़ी में 1,420.48 करोड़ रुपये, निवेश धोखाधड़ी में 222.58 करोड़ रुपये, और रोमांस/डेटिंग धोखाधड़ी में 13.23 करोड़ रुपये की नुकसान हुआ है.


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पीएम मोदी की चेतावनी
प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' में नागरिकों को इस नई किस्म की धोखाधड़ी के प्रति जागरूक किया. उन्होंने कहा कि यह न केवल तकनीकी सुरक्षा का मुद्दा है बल्कि लोगों की आर्थिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है. पीएम मोदी ने बताया कि नागरिकों को किसी भी अज्ञात कॉल या ईमेल से सतर्क रहना चाहिए, जिसमें उनसे व्यक्तिगत जानकारी या पैसे मांगी जा रही हो. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस समस्या से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) जैसी संस्थाएं साइबर अपराधों की निगरानी और रोकथाम के लिए काम कर रही हैं.

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
भारत में साइबर अपराध का यह संकट एक बड़ी चुनौती बन चुका है. प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी और सरकार की सतर्कता के बावजूद यह महत्वपूर्ण है कि हर नागरिक व्यक्तिगत रूप से जागरूक और सतर्क रहे. साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए यह आवश्यक है कि लोग किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें.

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