पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. बैंकिंग नियमों का पालन नहीं करने के वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के कड़े कदम के बाद अब फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-India) ने एक्शन लिया है. FIU-इंडिया ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियस इंटेलिजेंस यूनिट ने एक समीक्षा शुरू की थी. FIU-इंडिया ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन करने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर 5.49 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.
वन97 कम्युनिकेशंस ने दिया झटका
इससे पहले Paytm का संचालन करने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल ने सहयोगी यूनिट Paytm Payments Bank पर आरबीआई की कार्रवाई के बीच दोनों के बीच अंतर-कंपनी समझौतों को खत्म करने को मंजूरी दे दी. वन97 कम्युनिकेशंस ने शुक्रवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों कंपनियों के बीच एक-दूसरे पर निर्भरता कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
कंपनी के निदेशक मंडल ने एक मार्च 2024 को इन समझौतों को समाप्त करने और शेयरधारक समझौतों में संशोधन को मंजूरी दी. दरअसल, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) नियमों का अनुपालन न करने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सख्ती का सामना कर रही है. आरबीआई ने पीपीबीएल को 15 मार्च के बाद ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में नई जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है.
बीएसई फाइलिंग में कहा गया कि निर्भरता कम करने की इस प्रक्रिया के तहत पेटीएम और पीपीबीएल ने पारस्परिक रूप से पेटीएम और उसके समूह संस्थाओं के साथ विभिन्न अंतर-कंपनी समझौतों को खत्म करने पर सहमति जताई है. इसके अलावा पीपीबीएल के शेयरधारकों ने पीपीबीएल के बेहतर संचालन के लिए शेयरधारक समझौते (एसएचए) को सरल बनाने पर भी सहमति जताई.
पेटीएम ने पहले घोषणा की थी कि वह अन्य बैंकों के साथ नई साझेदारी पर हस्ताक्षर करेगी और अपने ग्राहकों एवं कारोबारियों को निर्बाध सेवाएं देने के लिए कदम उठाएगी. इसके साथ ही पेटीएम ने यह बात दोहराई कि पेटीएम ऐप, पेटीएम क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स और पेटीएम कार्ड मशीनें निर्बाध रूप से काम करती रहेंगी. आरबीआई ने पीपीबीएल को 29 फरवरी के बाद ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टैग और अन्य साधनों में नई जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था. बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च तक कर दिया गया.
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