डीएनए हिंदी: भारत में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) लगातार कम होता जा रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. 21 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा कोष (Forex Reserve) 524.52 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. इससे पहले के हफ्ते की तुलना में इस कोष में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी आ गई है.
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा कोष 528.367 बिलियन डॉलर था. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के पास मौजूद विदेशी मुद्रा में 3.59 बिलियन डॉलर की कमी आई है और अब यह 465.075 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. वहीं, देश के गोल्ड रिजर्व में भी 247 मिलियन डॉलर की कमी आई है और अब यह कुल 37.206 बिलियन डॉलर पहुंच गया है.
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जुलाई 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है खजाना
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के पास मौजूद भारत की स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR) की वैल्यू में इजाफा हुआ है. अब यह 7 मिलियन डॉलर बढ़कर कुल 17.440 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. आपको बता दें कि ये आंकड़े जुलाई 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं. इनका स्तर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी पड़ रहा है.
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दरअसल, महंगाई की रफ्तार और आयात में बढ़ते खर्च की वजह से देश को विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च करनी पड़ रही है. बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा कोष में लगातार कमी आई है. यही कारण है कि अब तक के इतिहास में रुपया एक डॉलर के बदले 83 रुपये तक पहुंच गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और यूक्रेन का युद्ध भी इसमें अहम कारक है. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा कोष में लगभग 100 बिलियन डॉलर की कमी आ गई है.
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