Gautam Adani की कंपनी पर है 2.2 ट्रिलियन का कर्ज, एक कंपनी के पास ही क्यों है देश के रिजर्व का 50 फीसदी पैसा?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 10, 2022, 10:47 PM IST

Gautam Adani भले ही दुनिया के अमीर शख्स में शुमार हो लेकिन उन्होंने अपने बिजनेस के विस्तार में मोटा कर्ज ले रखा है जो कि देश के लिए एक बड़ी समस्या है.

डीएनए हिंदी: एशिया के सबसे अमीर और दुनियाभर टॉप अमीर उद्योगपतियों की सूची में शुमार अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी (Gautam Adani) का अपने पुराने कारोबारा को बढ़ाने के अलावा अलग-अलग बिजनेस में अपने व्यापार के पांव पसारने में लगे हैं. वहीं खास बात यह है कि वे नए धंधे में कदम रखने के लिए डेट फाइनेंशिंग का सहारा लेते हैं. गौतम अडानी (Gautam Adani) की ग्रुप कंपनियों का ग्रॉस डेट बढ़कर 2.2 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है जो कि आर्थिक लिहाज से काफी बड़ा झटका है. 

दरअसल वित्त वर्ष 2021-22 के अंत यानी मार्च 2022 तक गौतम अडानी ग्रुप (Gautam Adani group) की कंपनियों का डेट पिछले साल की तुलना में 42 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुका है. जानकारी के मुताबिक पिछले साल अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों पर कुल मिलाकर करीब 1.57 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था लेकिन इस वर्ष अडानी के कर्ज में एक बार फिर एक बड़ा उछाल देखा गया है. 

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एक कंपनी के पास है देश का आधा रिजर्व?

खास बात यह है कि 2.2 ट्रिलियन का कर्ज जहां मात्र अडानी की कंपनी के पास है तो वहीं दूसरी ओर बड़ी खबर यह है कि भारत का कुल रिजर्व ही 4.7 ट्रिलियन रुपये का है. इसका सीधा मतलब यह हुआ है कि भारत के रिजर्व का लगभग आधा पैसा देश की एक कंपनी  के हाथों में गया है जो कि एक संदेहास्पद स्थिति हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी ग्रुप (Gautam Adani group) का ग्रॉस डेट टू इक्विटी रेश्यो 4 साल के उच्च स्तर पर पहुंचकर 2.36 हो गया है जबकि साल भर पहले यह अनुपात करीब 2.2 था. इसी तरह वर्ष 2019 के आखिर में अडानी ग्रुप (Gautam Adani group) का ग्रॉस डेट टू इक्विटी रेश्यो 1.98 था. डेट टू इक्विटी रेश्यो निकालने में ग्रुप की कंपनियों के पास मौजूद नकदी और बैंक बैलेंस के साथ उसके कर्ज आदि का हिसाब लगाया जाता है. ऐसे में कंपनी एक बार फिर पिछड़ती नजर आ रही है. 

भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी की नेटवर्थ 92 अरब डॉलर की है. अडानी ग्रुप (Gautam Adani group) की सात लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 153 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. साल 1978 में 16 साल की उम्र में गौतम अडानी डायमंड की ट्रेडिंग करने के लिए मुंबई आए थे. इससे पहले वह गुजरात में अपने भाई की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम कर रहे थे.

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1988 में शुरू हुआ था अडानी ग्रुप

वहीं साल 1988 में अडानी ग्रुप की स्थापना हुई थी. अडानी एंटरप्राइजेज के रूप में पहली कंपनी कमोडिटी इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का काम करने के लिए शुरू की गई थी. हाल में ही गौतम अडानी (Gautam Adani) ने होलसिम इंडिया का सीमेंट बिजनेस खरीद लिया है.

ऐसे में अब गौतम अडानी के पास अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट की हिस्सेदारी भी आ गई है. गौरतलब है कि 2020 में खबरें आई थीं कि गौतम अडानी ग्रुप (Gautam Adani group) पर कुल बकाया लोन 30 अरब डॉलर से अधिक का हो गया था जिसमें 7.8 अरब डॉलर का बांड और 22.3 अरब डॉलर का लोन शामिल था.

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क्या है चिंताजनक बात

अब इस रिपोर्ट में सबसे चिंताजनक बात यह है कि अडानी की पूरा बिजनेस की कर्ज की बुनियाद पर खड़ा है. ऐसा नहीं है कि दुनिया भर की कंपनियां व्यापार के लिए लोन नहीं लेती है लेकिन इसमें सबसे चिंताजनक बात यह है कि अडानी ग्रुप लगातारअपना विस्तार कर रही हैं और इसमें भी बड़ी समस्या यह है कि इसके लिए कंपनी लगातार लोन ले रही है जिससे ग्रुप पर दिन-प्रतिदिन कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है. 

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