डीएनए हिंदी: सोना और चांदी (Gold And Silver) दोनों बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है साल 2022 के हाई से सोना (Gold Price Today) 2000 रुपये प्रति दस ग्राम से ज्यादा गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं चांदी जुलाई के महीने में ही 10 फीसदी टूट चुका है. ऐसे में वो कौन से कारण है कि सोना और चांदी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जवाब है डॉलर इंडेक्स का 20 साल के हाई पर होना, मंदी की सुगबुगाहट, इंफ्लेशन, चीन और भारत से डिमांड में कमी, ग्लोबल इक्विटी मार्केट में करेक्शन. वास्तव में सोना और चांदी भारत ही नहीं दुनिया में सबसे फेवरेट असेट्स क्लास में से एक है. उसके बाद भी लोगों का रुझान कम दिखना कई बातों की ओर इशारा कर रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस बारे में एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं.
पॉलिसी रेट्स का टाइट होना
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि मौजूदा समय में दुनियाभर के सेंट्रल बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं. पिछली बार फेड ने 75 आधार अंकों का इजाफा किया था, इस बार भी 75 आधार अंकों की उम्मीद लगाई जा रही है. जिसकी वजह से निवेशकों का रुझान बांड और एफडी की ओर चला गया है. यही कारण है कि सोना और चांदी की कीमत में लगातार गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है.
डॉलर में मजबूती
डॉलर इंडेक्स मौजूदा समय में 107.90 पर है जो 20 साल का हाई है. ऐसे में यह सोना और चांदी के लिए नेगेटिव सिनेरियो बना रहा है. निवेशक करेंसी मार्केट की ओर मूव रहे हैं. केडिया कहते हैं कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण ही सोने के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. आने वाले दिनों में यह मंदी कायम रह सकती है.
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ग्लोबल रिसेशन का खतरा
केडिया कहते हैं कि रिसेशन हमेशा गोल्ड को सपोर्ट करता है, लेकिन इस बार यह सोना और चांदी के लिए नेगेटिव माहौल बना रहा है. कारण है सर्वावाइल की चिंता. जिसकी वजह से सोने और चांदी की डिमांड में कमी देखने को मिल रही है. कुछ ऐसा ही दौर 2008 में देखने को मिला था जब मंदी के कारण सर्वावाइल की चिंता ने गोल्ड में बाइंग और डिमांड दोनों कम कर दी थी.
इंफ्लेशन
भारत, अमेरिका समेत दुनियाभर में महंगाई औसत से ज्यादा है. अगर बात भारत की करें तो रिटेल इंफ्लेशन 7 फीसदी है जो आरबीआई के टॉलरेंस बैंड के अपर लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है. वहीं अमेरिका में महंगाई 41 साल के हाई पर है. जिसकी वजह से आम लोगों की परचेजिंग कैपेसिटी कम हो गई है. डिमांड कम देखने को मिल रही है. जिसका असर सोना और चांदी के दाम में देखने को मिल रहा है.
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चीन में लॉकडाउन
चीन दुनिया में गोल्ड का सबसे बड़ा बायर है. मौजूदा समय चीन में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से गोल्ड की डिमांड कम देखने को मिल रही है. केडिया के अनुसार चीन में लॉकडाउन के कारण गोल्ड की डिमांड कम देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत में असर देखा जहा रहा है.
दुनिया में सबसे ज्यादा भारत लेता है गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी
हाल ही में सरकार ने गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा किया है, जिसके बाद देश में गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5 फीसदी पर आ गई है और बाकी सरचार्ज और सेस अलग हैं. जिसकी वजह से गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी दुनिया के मुकाबले भारत में सबसे ज्यादा है. जिसका असर बाइंग और डिमांड पर देखने को मिल रहा है. वैसे भी भारत दुनिया दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड बायर है, अगर यहां से भी डिमांड कम होगी तो सोने के दाम में असर साफ देखने को मिलेगा.
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ग्लोबल इक्विटी मार्केट में करेक्शन
बीते कुछ समय में ग्लोबल इक्विटी मार्केट में लगातार करेक्शन देखने को मिल रहा है. इस साल डाउ जोंस इस साल 15 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. नैस्डैक में 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. शंघाई इंडेक्स करीब 10 फीसदी की गिरावट पर है. हैंगसेंग इंडेक्स 11 फीसदी नीचे है और लंदन का एफटीएसई इस साल 4 फीसदी नीचे आ चुका है. जिसका आकी असेट क्लास भी देखने को मिल रहा है. इसी वजह से गोल्ड की कीमत में भी गिरावट देखने को मिल रही है.
कच्चे तेल की कीमत
कच्चा तेल और गोल्ड में काफी अहम कनेक्शन है. जब भी कच्चे तेल की कीमत में बड़ा करेक्शन देखने को मिलता है उस समय गोल्ड के दाम में बड़ी गिरावट देखने को मिलती है. मार्च के महीने जब कच्चा तेल 140 डॉलर के करीब पहुंच गया था तो सोना 52 हजार के पार करोबार कर रहा था. जब से कच्चे तेल में गिरावट आनी शुरू हुई है, तब से गोल्ड के दाम भी कम हो गए हैं.
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