डीएनए हिंदी: भारत में अलग-अलग संस्कृतियों के लोग रहते हैं. यहां दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा त्योहार मनाएं जाते हैं. दीवाली हो या रक्षाबंधन या फिर क्रिसमस ही क्यों ना हो, भारत में मीठे का काफी प्रचलन हैं. भारत के लोग खूब मिठाइयां बनाते और खाते हैं. यही नहीं भारत में बनने वाली मिठाइयों को देश-विदेश में भी खूब बेचा जाता है. भारत में जल्द ही फेस्टिव शुरू हो जाएगा. इस त्योहारी सीजन के चलते भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है. जिससे त्योहारों पर बनने वाले पकवानों का स्वाद फीका ना पड़ जाए. क्या है भारत सरकार को वो अहम फैसला आइए आपको बताते हैं.
चीनी के लिए जारी किया अतिरिक्त कोटा
देश में त्योहारी सीजन के चलते सरकार ने मंगलवार को घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती मांग को देखते हुए अगस्त 2023 में अतिरिक्त कोटा जारी करने की घोषणा की. इसके बाद इस महीने का कुल कोटा 25.50 LMT तक पहुंच गया है. इसमें 2 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि देश में हमेशा पर्याप्त चीनी उपलब्ध रहे और लोग उचित मूल्य पर इसे खरीदना जारी रख सकें.
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फेस्टिव सीजन में नहीं फीका पड़ेगा स्वाद
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले कुछ दिनों में ओणम, रक्षा बंधन और जन्माष्टमी के त्योहार मनाए जाएंगे. ऐसे में फैसला महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्सव के दौरान मिठाइयों और पकवानों में ना तो चीनी की मिठास कम ना पड़े बल्कि कीमतें भी स्थिर रहें. फेस्टिव सीजन में चीनी की खपत में बढ़ोतरी देखी जाती है. इस मामले में, अगस्त में अतिरिक्त 2 एलएमटी के अतिरिक्त आवंटन से घरेलू बाजार चीनी की मात्रा में कमी नहीं आएगी और चीनी की कीमतें भी स्थिर रहेंगी जिससे मिठाइयों और पकवानों की कीमतें में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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वैश्विक बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतें
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत में पिछले वर्ष में काफी वृद्धि हुई है, जो 25% तक बढ़ गई है. दूसरी ओर, भारत में चीनी की कीमत 43.30 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. ऐसे में देश में लगभग हर जगह इसकी कीमत स्थिर है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले दस वर्षों में चीनी की कीमत में केवल 2% की वृद्धि हुई है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि चालू सीजन में इथेनॉल उत्पादन के लिए 43 लाख टन चीनी का उपयोग करने के बाद भी लगभग 330 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. दूसरी ओर अनुमान है कि घरेलू चीनी खपत 275 लाख टन होगी.
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