Vande Bharat Express: मोदी सरकार का तोहफा, अब गवर्नमेंट एंप्लॉय भी कर सकेंगे वंदे भारत में सफर

Written By मनीष कुमार | Updated: Sep 02, 2023, 02:38 PM IST

Vande Bharat Express: अब सरकारी कर्मचारी वंदे भारत में कर सकेंगे सफर, सरकार उठाएगी खर्चा जानें क्या है पूरा मामला.

डीएनए हिंदी: वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सबसे महंगी और तेज चलने वाली ट्रेनों में से एक है. आपको बता दें कि इस ट्रेन में सफर करने के लिए कई लोग वेटिंग लिस्ट में भी बुकिंग करते हैं. भारत की सेमी हाई स्पीड ट्रेन कैटेगरी में चलने वाली इस वंदे भारत में करोड़ों लोग यात्रा कर चुके हैं. वर्तमान में भारत में  25 वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही हैं.इस ट्रेन में अभी तक हालांकि सरकारी कर्मचारियों को ट्रैवल करने की अनुमति नहीं थी पर अब मोदी सरकार ने उन्हें यह तोहफा दे दिया है. अब सरकारी कर्मचारी भी वंदे भारत ट्रेन में ऑफिशियल सफर कर पाएंगे.

क्या है फैसला?
कार्मिक एवं प्रशिक्षण ब्यूरो केंद्र सरकार की एक एजेंसी है. लोग इसे "DOPT" के नाम से भी जानते हैं. एजेंसी के नियमों का पालन देश भर के सरकारी अधिकारी करते हैं. हालांकि, पैसों की आती है तो  "डीओपीटी" को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय प्रभाग (Expenditure Department) के आगे हाथ फैलाना पड़ता है. अभी तक वित्त मंत्रालय की ओर से सरकारी कर्मचारियों को वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए ऑथराइज नहीं किया गया था. जिस वजह से देशभर के सरकारी अधिकारी आधिकारिक तौर पर इस ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते.  हालांकि इस हफ्ते, वित्त मंत्रालय ने राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस की तरह ही ही "वंदे भारत एक्सप्रेस" और "हमसफर एक्सप्रेस" को अपनी सूची में जोड़ लिया है.

ये भी पढ़ें: 3 सालों से PPF की दरों में नहीं हुआ इजाफा, फिर भी इसमें निवेश करना है फायदा का सौदा, जानें वजह 

सरकारी बाबू को मिलेगा फायदा
वित्त मंत्रालय द्वारा वंदे भारत यात्रा को मंजूरी देने का असर यह हुआ कि सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के कर्मचारी अब 'वंदे भारत' और 'हमसफर' एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा, ट्रेनिंग, ट्रांसफर होने पर रिटायरमेंट तक इसमें यात्रा कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय के व्यय प्रभाग द्वारा जारी एक ऑफिस मेमोरंडम के अनुसार, शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में यात्रा करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यात्रा नियम अब 'वंदे भारत' और 'हमसफर' एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों पर भी लागू होंगे. 

ये भी पढ़ें: बाप-बेटे की जोड़ी ने किया कमाल, खेती से कमा रहे हजारों रुपये, आप भी करें ट्राई

पहले क्या थे हालात?
पहले, सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग, ट्रांसफर होने पर रिटायरमेंट तक इन ट्रेनों में सफर करने की अनुमति नहीं थी. यदि कोई कर्मचारी किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर होता है, तो उसके पास इन ट्रेनों में यात्रा करने की आधिकारिक अनुमति नहीं है. ऐसा इसलिए कि इन ट्रेनों का किराया दूसरी ट्रेन के मुकाबले अधिक होता है. वहीं कर्मचारियों के ऑफिस कार्यों के दौरान किए जाने वाले ट्रेवल का खर्चा सरकार उठाती है जिसमें ट्रेन का किराया भी शामिल होता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.