डीएनए हिंदीः केंद्र सरकार ने डीजल और जेट ईंधन के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर (Windfall Profit Tax) को बढ़ा दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रोफिट टैक्स को बढ़ाकर 13.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जबकि विमानों के संचालन में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) के निर्यात पर इसे बढ़ाकर 9 रुपये प्रति लीटर किया गया है.
क्यों लगाया जाता है विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स
दरअसल ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे रिफाइनरी उत्पादों के दाम समय के साथ घटते-बढ़ते रहते हैं. अगर ग्लोबल मार्केट में डीजल, पेट्रोल और एटीएफ आदि के दाम घरेलू बाजार से ज्यादा हों तो रिफाइनरियां निर्यात बढ़ाने लगती हैं, ताकि उन्हें ज्यादा मुनाफा हो. सरकार इस पर लगाम लगाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगा देती है. यही हिसाब क्रूड ऑयल के मामले में भी लागू होता है. वहीं जब ग्लोबल मार्केट में इनके भाव कम हो जाते हैं, तो कंपनियां खुद ही एक्सपोर्ट कम करने लगती हैं. ऐसी स्थिति आने पर सरकार विंडफॉल टैक्स को कम करने या हटाने का फैसला लेती है.
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जुलाई में सरकार ने पहली बार लगाया टैक्स
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर टैक्स (26 डॉलर प्रति बैरल) लगाया गया था. घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन (40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) पर 23,250 रुपये प्रति टन अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था. इसके बाद 20 जुलाई को पहले पखवाड़े की समीक्षा में पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया था और डीजल और जेट ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर कर 2 रुपये प्रति लीटर घटाकर 11 रुपये और 4 रुपये कर दिया गया था.
इनपुट-एजेंसी
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