GST Collection : दक्षिणी भारत के राज्यों में बेहतर ग्रोथ, बिहार के GST Collection में हुई कमी   

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Aug 02, 2022, 11:38 AM IST

GST Collection Latest Update: इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों की औसत 1.5 लाख करोड़ से उपर बनी हुई है जो कि पिछले साल 2021 में इसी समय में 1.11 लाख करोड थी.  साल दर साल पहले चार महीनों में GST Collection में 25 प्रतिशत का फायदा हुआ है.

डीएनए हिंदी: आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों के बीच में GST के आंकड़े देश के लिए राहत का काम कर रहे हैं. इस साल के पहले चार महीनों का औसत 1.5 लाख करोड़ बना हुआ है. राज्यवार आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के दक्षिणी राज्यों में बाकी देश की तुलना में बेहतर ग्रोथ देखने को मिली है वहीं बड़े राज्यों में बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है जहां के पिछले साल के मुकाबले GST Collection बढ़ने की बजाय कम हुआ है.  

साल के पहले चार महीनों का औसतन GST collection 1.5 लाख करोड़  
इस साल अप्रैल महीने में 1.67 लाख करोड़ के रिकार्ड GST Collection  हुआ था. इसके बाद इस बार GST इतिहास का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा Collection 1.49 लाख करोड़ जुलाई महीने में प्राप्त हुआ है. इस साल अप्रैल महीने के बाद से ही देश का GST Collection 1.4 लाख करोड़ के उपर बना हुआ है.  

इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों की औसत 1.5 लाख करोड़ से उपर बनी हुई है जो कि पिछले साल 2021 में इसी समय में 1.11 लाख करोड थी.  साल दर साल पहले चार महीनों में GST Collection में 25 प्रतिशत का फायदा हुआ है. यहां पर इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पिछले साल पहले चार महीनों में देश के उत्तर भारत कोविड की दूसरी लहर से जूझ रहा था.  

देश के दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन बेहतर, बिहार का GST Collection गिरा  
1 जुलाई को जारी हुए आंकड़ें बताते हैं कि पूरे देश का GST Collection 22 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. लेकिन देश के  दक्षिण भारत के राज्यों में साल दर साल GST Collection बाकी देश की तुलना में से काफी बेहतर रही है. कर्नाटक (45 %), तमिलनाडू (34 %), केरल (29 %), तेलंगाना (26%) और आंध्र प्रदेश में (25 %) की वृद्धि दर्ज की गई.  

वहीं बिहार का आँकड़ा चौंकाने वाला रहा है. 1000 करोड़ से ज्यादा GST उगाहने वाले राज्यों में बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है जो जहां का GST Collection पिछले साल की तुलना में कम रहा है.   

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देश की इकोनामी के लिए शुभ संकेत 
मंदी की आंशकाओं के बीच मई महीने के बाद GST collection में हो रही लगातार वृद्धि देश की इकोनामी केलिए शुभ संकेत है. यूक्रेन संकट के बाद कच्चे तेल के कीमतों और खाद्य वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी. जिसे कम करने के लिए बाकी सेंट्रल बैंक की तरह भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को बढ़ाया था. लोगों के हाथ में पैसा कम बचने और महंगी ब्याज दरों के कारण ये आशंका थी कि लोग अपना खर्च मे कटौती करेगें. जिसका सीधा असर GST उगाही में दिखाई देता.  

GST collection में वृद्धि से सरकार की राजस्व बजट के मुताबिक बने रहने की उम्मीद को भी बल मिलता है. इस कारण सरकार द्वारा इस साल घोषित किए गए रिकॉर्ड Capital Expenditure में कटौती किए जाने की संभावना कम है. देश की विकास दर को बनाए रखने के लिए ये जरुरी है कि सरकार अपने आधारभूत ढांचे में किए जा रहे निवेश में कमी न करे. 

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