डीएनए हिंदी: 200 से अधिक सामानों के लिए जीएसटी दर (GST Rate) में प्रस्तावित परिवर्तनों पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह एक मिनिस्ट्रियल पैनल की बैठक होगी. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अधिकारियों के पैनल ने टेट्रा-पैक सहित कई प्रोडक्ट्स के लिए जीएसटी रेट में बदलाव के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया है. जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार तंगी हालत में है और अपने रेवेन्यू को किसी भी कीमत में कम करने के मूड में नहीं है. आपको बता दें कि अगले हफ्ते चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग (GST Council Meet) होनी है, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
इन पर बढ़ सकता है जीएसटी
सरकारी समिति हरियाणा और कर्नाटक राज्यों को क्रिप्टो इकोसिस्टम में विभिन्न गतिविधियों की प्रकृति और कर योग्यता का अध्ययन करने के लिए कह सकती है. बैठक के दौरान, फिटमेंट कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करने की संभावना है, जो टेट्रा पैक के लिए जीएसटी दर को वर्तमान में 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का भी प्रस्ताव है. परिषद की फिटमेंट समिति, जिसमें केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारी शामिल हैं, ने अन्य विकल्प, जैसे कार्टन, प्लास्टिक की बोतलें, पाउच और प्लास्टिक कप के संबंध में टैक्स ढांचे में एकरूपता लाने के लिए टेट्रा पैक पर जीएसटी दर बढ़ाने की सिफारिश की है.
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इन पर भी हो सकती है चर्चा
इसके अतिरिक्त, समिति ने जीएसटी परिषद को स्पष्ट करने की सिफारिश की कि इलेक्ट्रिक वाहन 5 फीसदी जीएसटी को आकर्षित करेंगे और निजी संस्थाओं द्वारा आयात की जाने वाली डिफेंस प्रोडक्ट्स में आईजीएसटी से छूट मिूलने की सिफारिश की है. जानकारों की मानें तो चंडीगढ़ में 28 जून से शुरू होने वाले जीएसटी मीटिंग के सरकारी पैनल की बैठक हो रही है और आगामी बैठक में दर को अंतिम रूप देने की संभावना नहीं है, लेकिन इसे 28 फीसदी के उच्चतम कर स्लैब में रखने पर चर्चा हो सकती है. साथ ही पैनल वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में लेनदेन को अधिक प्रभावी तरीके से ट्रैक करने के लिए टैक्स नेट को व्यापक बनाने की मांग कर रहा है.
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क्रिप्टो पर हुआ था टैक्स का ऐलान
इस बीच, इस साल की शुरुआत में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में क्रिप्टो बाजार के आकार का आकलन करने और यूजर्स को ट्रैक करने के लिए वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर से आय पर 30 फीसदी और सभी क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस के सोर्स पर 1 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान किया था. इस कदम को क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस की कानूनी स्थिति के बारे में अनिश्चितता को दूर करने के रूप में देखा गया था. हालांकि, गुड्स एंड सर्विसेज वस्तुओं या सेवाओं के रूप में इसके व्यवहार में अस्पष्टता और नियामक ढांचे की कमी के कारण डिजिटल करेंसी पर सेल्स टैक्स लगाने पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है.
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