डीएनए हिंदी: हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की एक रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को आर्थिक तौर पर बड़ा झटका दिया है जिसके बाद से लगातार अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर्स में गिरावट आई है. ऐसे में अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों की एक रिपोर्ट के जरिए हिंडनबर्ग की रिसर्च को भारत विरोधी बताया था जिसको लेकर अब एक बार फिर हिंडनबर्ग ने पलटवार किया है और कहा है कि राष्ट्रवाद की आड़ लेकर धोखाधड़ी को छिपाया नहीं जा सकता है. बता दें कि अडानी ग्रुप के खिलाफ आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते भारतीय शेयर मार्केट गिरा है और अडानी ग्रुप से संबंधित शेयर्स से लेकर बैंकिंग सेक्टर तक के शेयर औंधे मुंह गिरे हैं.
हिंडनबर्ग ने अपनी रिसर्च पर अडानी ग्रुप के जवाब को लेकर सवाल उठा दिए हैं. रिसर्च संस्थान ने कहा है कि अडानी समूह ने जितने भी सवालों के जवाब दिए वे बड़े पैमाने पर निष्कर्षों की पुष्टि नहीं करते है और कंपनी के बयानों में प्रश्नों से बचने की कोशिश की गई हैं.
गौरतलब है कि अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट को लेकर अपने जवाब में कहा है कि ये भारत देश, उसके संस्थान और विकास की कहानी पर सोच-समझकर किया गया हमला है. इसको लेकर हिंडनबर्ग ने कहा है कि राष्ट्रवाद के पर्दे के पीछे किसी भी तरह के फ्रॉड को छिपाया नहीं जा सकता है.
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें अडानी ग्रुप में कई तरह की अनियमितताओं के दावे किए गए थे और संस्था पर फ्रॉड के आरोप लगाए गए थे. इसके चलते अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में अचानक चौथे से सातवें स्थान पर खिसक गए थे. साथ ही उनकी कंपनी से जुड़े सभी शेयर्स तेजी से गिरे थे.
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वहीं भारत विरोधी होने के आरोपों को लेकर हिंडनबर्ग ने कहा है कि वह मानता है कि कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है, पर यह अडानी समूह है जो इसके विकास की गाथा को बाधित कर रहा है. हिंडनबर्ग ने कहा है कि ‘धोखाधड़ी’ को राष्ट्रवाद या उसमें लिपटी प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं किया जा सकता है. हिंडेनबर्ग ने अडानी समूह पर बैंकिंग सेक्टर से फ्रॉड करने के भी आरोप लगाए हैं.
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