Impact of Digitalisation: क्यों बैंकों में बाबुओं की संख्या रह गई आधी?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 20, 2022, 01:21 PM IST

RBI Report के अनुसार 90 के दौर में भारत के बैंकिंग जॉब में क्लर्कों की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा थी जो अब 22 फीसदी रह गई है.  

डीएनए हिंदीः 90 के दशक में 10 में प्रत्येक 4 युवा बैंक क्लर्क (Bank Clerk) या बाबू की नौकरी के लिए तैयारी करता हुआ दिखाई देता था. जिसकी नौकरी बैंक में बाबू के तौर पर लगती थी, उसे काफी लकी समझा जाता था. अब ऐसा नहीं है. बैंकों में बाबुओं की संख्या में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जबसे बैंकों का डिजिटलीकरण (Bank Digitalization) हुआ है, तब से बाबुओं का काम कम हो गया है. कोविड काल से तो आरबीआई खुद लोगों को बैंकों और एटीएम में आने के लिए मना कर रहा है. डिजिटल पेमेंट सिस्टम और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की बात कह रहा है. जिसका असर बाबुओं की संख्या में साफ देखने को मिल रहा है. आरबीआई की रिपोर्ट (RBI Report) के अनुसार 90 के दौर में भारत के बैंकिंग जॉब में क्लर्कों की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा थी जो अब 22 फीसदी रह गई है.  

टेक्नोलॉजी बढ़ने से कम हुई नौकरियां 
बैंक क्लर्क की जगह मौजूदा समय में टेक्नोलॉजी ने ली है. बैंक क्लर्क का काम डॉक्युमेंट्स और बैलेंसशीट मेंटेंन करना होता है. अब इन कामों के लिए कंप्यूटर्स और सॉफ्टवेयर्स ने ली है. जिसके लिए ज्यादा लोगों की जरुरत नहीं है. वहीं शहरी इलाकों में अब लोग ऑनलाइन पेमेंट और डिजिटल ट्रांजेक्शन ज्यादा करते हैं. जिसकी वजह से बैंकों से भीड़ कम हो गई है. अब अधिकतर वो ही बैंकों में दिखाई देते हैं, जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है या फिर टेक सेवी नहीं है. या वो सीनियर सिटीजंस हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी में ज्यादा भरोसा नहीं है. 

एक्सिस बैंक की आज से लागू हो रही है एफडी की नई ब्याज दरें, जानें कितनी होगी कमाई 

जानकारों का क्या कहना है?
मीडिया रिपोर्ट में फाइनहैंड कंसल्टेंट्स के मैनेजिंग पार्टनर वीनू नेहरू दत्ता ने कहा है कि टेक्नोलॉजी की वजह से बैंकों में बाबुओं की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. उनके अनुसार ऑटोमेशन के कारण बैंकों के ऑपरेशन में बाबुओं की जरुरत पहले की तरह नहीं रही है. मौजूदा समय में फाइलों को एक जगह से दूसरी जगह फिजिकली ट्रांसफर करने की जरुरत नहीं रह गई है. जिसकी वजह से बाबुओं की संख्या में लगातार गिरावट महसूस की जा रही है. 

Gold Silver Price Today : फिर महंगा हुआ सोना, चांदी की कीमत में भी उछाल, देखें फ्रेश प्राइस 

बैंक यूनियनों का विरोध 
वहीं दूसरी ओर बैंक यूनियनों की ओर से अब इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है कि आखिर बाबुओं की भूमिका को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है और बाबुओं की संख्या में इजाफा क्यों नहीं किया जा रहा है? ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि क्लर्क की नियुक्ति पर कम पैसा खर्च होता है, वे एक उपयोगी संसाधन हैं. जब बैंक 30 हजार रुपये से शुरू होने वाले वेतन पर अधिक क्लर्कों को रख सकते हैं तो 70 हजार के वेतन पर अधिकारियों को क्यों नियुक्त करना चाहिए? 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Impact of Digitalisation Banking System Bank Clerk RBI Report