डीएनए हिन्दी: रूस-यू्क्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) ने भारत के साथ पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. आज पूरी दुनिया जरूरी चीजों की किल्लत महसूस कर रही है. तेल की कीमतों में आग लगी हुई है. लेकिन, भारत दुनिया के तमाम बड़े देशों के दबाव के बावजूद रूस से सस्ते दामों पर लगातार तेल खरीद रहा है. अब भारत के लिए एक और राहत भरी खबर है. तेल के बाद भारत ने रूस से उर्वरक (Fertiliser) के क्षेत्र में बड़ा समझौता किया है. यह समझौता लंबी अवधि के लिए है. रूस से अब भारत उर्वरक आयात करेगा.
भारत फर्टिलाइजर का बड़ा आयातक है. भारत की करीब आधी आबादी कृषि पर निर्भर है. वर्तमान में समय में फर्टिलाइजर की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. मॉनसून के आते ही खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो जाएगी. ऐसे में यह समझौता भारत के लिए राहत देने वाला है. ध्यान रहे देश की इकॉनमी में कृषि का योगदान करीब 15 फीसदी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध का असर फर्टिलाइजर की कीमतों पर भी पड़ा है. ऐसे रूस के साथ भारत का समझौता राहत देने वाला है. भारत को यह फर्टिलाइजर डिस्काउंटेड रेट पर मिलने वाला है.
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सबसे खुशी की बात है कि यह सौदा बार्टर सिस्टम (वस्तु विनिमय प्रणाली) के तहत होने वाला है. गौरतलब है कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से रूस के साथ डॉलर में व्यापार नहीं हो सकता है. फर्टिलाइजर के बदले भारत रूस को उसी कीमत की वस्तु देगा. भारत चाय, उद्योगों के लिए कच्चा माल और ऑटो पार्ट्स की सप्लाई करेगा.
गौरतलब है कि फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए मोदी सरकार ने 21 मई को 1.10 लाख करोड़ की और सब्सिडी देने की घोषणा की थी. सरकार बढ़ती महंगाई से किसानों को राहत देना चाहती है. इस घोषणा के बाद सरकार की फर्टिलाइजर सब्सिडी 2.15 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है.
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सूत्रों के मुताबिक, नैशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड, मद्रास फर्टिलाइजर लिमिटेड, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, इंडिया पोटास लिमिटेड और फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर के साथ रूस से फर्टिलाइजर आयात के लिए समझौता हो सकता है. फिलहाल यह समझौता 3 साल के लिए होगा. रूस की तरफ से जो कंपनियां समझौते में होंगी उसमें पोसागारो और उरलकाली हो सकती हैं.
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