भारत में तेजी बढ़ रहा है प्रीमियम ब्रांड का क्रेज, लक्ज़री प्रोडक्ट्स की खरीदारी में टॉप 7 में शामिल

Written By आरती राय | Updated: Sep 26, 2022, 12:33 PM IST

भारत में तेज़ी से प्रीमियम ब्रांड का क्रेज बढ़ रहा है, लक्ज़री प्रोडक्ट्स का  बाजार भारत में  5.94 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है.

डीएनए हिंदीः हमारे देश में राजा महाराजाओ के काल से वैभव और लक्ज़री की  संस्कृति हमेशा से  रही है. भारत की नयी पीढ़ी इस बात को पूरी तरह से साबित कर रह है. देश में लम्बे अंतराल के बाद लक्ज़री ब्रांड्स और प्रीमियम प्रोडक्ट्स का  शौक  एक बार फिर भारतीयों के सिर चढ़ कर बोल रहा  है . GLOBAL PREMIUM RANGE बाजार भारत में  5.94 बिलियन डॉलर को पार कर चूका है. वही  लक्ज़री प्रोडक्ट्स की खरीदारी के मामले में इंडिया  टॉप 7 में शामिल हो चूका है. अनुमान है की  2025 तक भारत ग्लोबल लक्ज़री प्रोडक्ट्स के लिए टॉप फाइव देशो में शामिल हो जायेगा.

भारतीय लक्ज़री बाजार का साइज  5.94 अरब डॉलर के पार
दुनियाभर में अगर कोई एक ऐसी फील्ड है जिसने  पिछले कुछ सालो  में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है . तो वह  भारतीय लक्जरी मार्केट है. महामारी के चलते  देश का Luxury बाजार आर्थिक विकास, डिजिटल मार्केटिंग, नीति सुधार, बढ़ती मध्यम वर्ग की आबादी और  बढ़ती डिमांड के चलते  ग्राफ तेज़ी से  चढ़ रहा है . अनुमान है  भारतीय लक्जरी बाजार का साइज  2030 तक 200 अरब डॉलर को पार  कर जायेगा .Statista की रिपोर्ट्स के  मुताबिक  2021 में भारतीय लक्जरी प्रोडक्ट्स के  बाजार  5.94 अरब डॉलर तक पहुंच चूका है  . इतना ही नहीं   LUXURY ब्रांड बाजार में ये बढ़त और तेज़ी से सालाना 8.03% (CAGR 2021-25) बढ़ने की उम्मीद है. 

दुनिया के हर बड़े ब्रांड की नज़र भारतीय बाजार पर
Global Fashion Players लंबे समय से भारतीय बाजार पर नजर गड़ाए हुए हैं. दुनिया के कई प्रीमियम लक्ज़री ब्रांड्स जो कभी भारत का रुख तक नहीं करते थे. आज के समय में या तो भारत में अपना ब्रांड लांच कर रहे है .या अपने हाई रेंज प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ाना के  लिए भारतीय बाजार का रुख कर रहे है. आपको बता दे के पहले भारतीय बाजार को एवरेज मानाने वाले कई ग्लोबल प्रीमियम ब्रांड्स  बढ़ती डिमांड के चलते लौट कर आरहे है. फैशनवीक की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 300 से ज़्यादा दुनिया के बड़े लक्ज़री ब्रांड्स ने भारत में लांच की तयारी पूरी कर ली है. जल्द ही भारतीय बाज़ारो में दुनिया के ज़्यादातर बड़े ब्रांड्स दस्तक देने वाले है.

भारतीय बाजार में प्रीमियम प्रोडक्ट्स की बढ़ती डिमांड
भारतीय बाजार में प्रीमियम प्रोडक्ट्स की बढ़ती डिमांड के चलते साल 2002 Louis Vuitton (इंटरनेशनल ब्रांड फॉर प्रीमियम रेंज प्रोडक्ट्स )में देश में वापसी की थी . तब से ले कर आज के टाइम में ग्लोबल लक्ज़री ब्रांड्स की बहुत सारी कम्पनिया  भारत में न सिर्फ स्टोर खोल रही है .बल्कि यहां के लोगो की पसंद के हिसाब से एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट रेंज भी लांच कर रही है . CAGR की रिपोर्ट में मुताबिक अनुमानित तौर पर ग्लोबल लक्ज़री ब्रांड मार्केट भारत में  इस साल के अंत तक   8.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगा. यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुमानों के अनुसार PANDEMIC के समय में भी भारत में साल 2021 में लक्ज़री ब्रांड बाजार  2.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था.

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वेडिंग मार्केट के कारण तेज़ी से बढ़ रही है लक्ज़री ब्रांड्स की डिमांड
शादी के बाजार की संभावनाओं से कई लग्जरी ब्रांड भारत की ओर आकर्षित हुए हैं . KPMG की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में शादी का  बाजार   $50 बिलियन से अधिक था . आपको बता दें की अनुमानित तौर पर अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर भारतीय शादी बाजार आता है . भारतीय ज़्यादातर कम्युनिटी में शादी पर एक परिवार औसतन 10 लाख तक खर्च कर देता है . जो किसी भी दूसरे देश की तुलना में बहुत ज़्यादा है.

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भारत में 83% कंस्यूमर्स स्टोर से शॉपिंग करना पसंद करते है
महामारी के दौरान घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के लग्जरी ब्रांडों के लिए व्हाट्सएप के माध्यम से बिक्री एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है. हालांकि, Atlas of Affluence’s quantitative studies के मुताबिक भारतीय लोग आज भी स्टोर विजिट पसंद करते है . इस सर्वे के मुताबिक 83 % लक्ज़री ब्रांड के शौक़ीन भारतीय आज भी स्टोर जा कर शॉपिंग करना पसंद करते है . वही भारतीय Gen Z consumers   सबसे अधिक ऑनलाइन खरीदार पर भरोसा करते है . जिनमें से 39 प्रतिशत नियमित रूप से डिजिटल शॉपिंग पर ही निर्भर करते हैं.

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वही बात करे भारतीय LUXURY JEWELLERY मार्किट की तो इस सेक्टर ने उम्मीदों से परे प्रदर्शन किया है. ज्यादातर कंपनियों के बिक्री के आंकड़े महामारी से पहले के स्तर से आगे निकल गए हैं. विशेषयागो का मानना है की PANDEMIC के आने के बाद से त्यौहार और शादियों में सीमित खर्च के कारण लोगों के पास अधिक नकदी थी. जिसे ज़्यादातर लोगो ने JEWELLERY की खरीद में लगाया दिया. वही सोशल डिस्टेंसिंग के युग में लग्जरी प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बिक्री पहले की तरह बढ़ गई है. अनुमान के मुताबिक, भारतीय ऑनलाइन ज्वैलरी बाजार 2019 में 850 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 तक 3.7 बिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है.