Indian GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज फिर भी देश के सामने हैं बड़ी चुनौतियां

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Sep 02, 2022, 08:31 AM IST

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही की जीडीपी दर ने भारत की अर्थव्यवस्था के सकारात्मक संकेत दिए हैं लेकिन क्या ये आंकड़ें सबकुछ अच्छा ही बता रहे हैं या इनमें कुछ चिंताजनक स्थिति भी हैं.

डीएनए हिंदी: बीते दिन जारी हुए इस वितवर्ष की पहली तिमाही के GDP के आकड़ों में 13.5 प्रतिशत की विकासदर हासिल हुई है. यह एक शानदार स्थिति प्रतीत हो रही है लेकिन फिर भी ये RBI के साथ-साथ, कई रिसर्च संस्थाओं के अनुमान से कम है. ऐसे में आईए देखते हैं कि अर्थव्यवस्था के कौन से क्षेत्र अभी-भी कोविड पूर्व स्तर को हासिल नहीं कर पाए हैं. 

सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत  

IMF ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में भी भारत को इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया था. पहली तिमाही (Q1) ने भारत की GDP विकास दर 13.5 प्रतिशत रही है. दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की पहले तिमाही के GDP विकास दर से तुलना करने पर भारत बहुत आगे दिखाई देता है.

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इस तिमाही में बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में रुस (3.5 %), जापान (2.2 %), फ्रांस (0.5 %),चीन (0.4 %) और जर्मनी (0.1%) शामिल रहे हैं.   वहीं यूके और यूएसए की अर्थव्यवस्थाओं ने नकारात्मक ग्रोथ दिखाई है. पहली तिमाही में यूके की विकास दर -0.6% और अमेरिका की -0.1 % रही है.

ऐसे में भारत के आकंड़े बहुत शानदार दिख रहे हैं. इन आकड़ों को देखते हुए हमें ध्यान में रखना चाहिए कि साल 2020-21 और साल 2021-22 की पहली तिमाही कोविड की लहर से प्रभावित रही थी. ऐसे में मौजूदा साल के आकड़ें उतने चमकदार नहीं है जितने प्रतीत होते हैं. इसलिए इन आंकड़ों को सही तौर से आंकने के लिए कोविड मुक्त साल 2019-20 से तुलना करना ही बेहतर होगा.  

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क्या Q1 GDP के आकड़ें निराशानजक हैं?

रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि पहली तिमाही (Q1) में GDP विकास दर 16.2 % होगी. कई अर्थशास्त्रियों ने 15 % विकास दर का अनुमान लगाया था. ऐसे में  MOSPI (Ministry of Statistics and Programme Implementation) द्वारा  जारी आकड़ों के अनुसार 13.5 % की विकास दर, SBI Research, Bloomberg Survey के अनुमान से कम हैं.

इस बारे में वरिष्ठ अर्थशास्त्री डा. वृंदा जागीरदार के अनुसार इस तिमाही में विकास दर अनुमान से कम हैं लेकिन इसे निराशाजनक नहीं कहेगें. आगे की तिमाहियों में कांटेक्ट इटेंसिव (Contact Intensive) सेवाओं का प्रदर्शन और बेहतर होगा. ऐसे में 7.2 प्रतिशत की विकास दर हासिल की जा सकती है.  

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क्या अच्छा है क्या खराब? 

अगर GVA (Gross Value Added) को आंकना है तो साल 2019-20 बेहतर आधार है, क्योंकि  ये साल किसी कोविड की लहर या किसी अन्य अप्रत्याशित कारकों से प्रभावित नहीं हुआ था. ट्रेड,होटल ट्रांसपोर्ट, संचार इत्यादि (Trade, Hotel, Transport, Communication Related to Broadcasting), GVA ( Gross Value Added) का दूसरा सबसे प्रमुख घटक है. यह क्षेत्र साल 2019-20 की पहली तिमाही के स्तर से 15 प्रतिशत कम है.  

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वहीं तीसरे सबसे बड़े घटक मैन्यूफैक्चरिंग (Manufacturing)  में भी तीन सालों में महज 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रोजगार के क्षेत्र में इस घटक का बड़ा योगदान रहता है. इसके अलावा कृषि, वन और मत्सयपालन 10 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं कंस्ट्क्शन सेक्टर (Construction) में न के बराबर विकास हुआ है. एक और बड़े रोजगार देने वाले क्षेत्र खनन (Mining) भी तीन सालों में सिर्फ 3 प्रतिशत ही बढ़ पाया है. 

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