डीएनए हिंदी: इस साल आईपीओ (IPO) के जरिये शेयरों की बिक्री में आई गिरावट के बावजूद इन इश्यू ने औसतन 50 प्रतिशत का रिटर्न दिया है जबकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स (Sensex) सिर्फ 1.6 प्रतिशत ही बढ़ा है. शेयर बाजार (Share Market) के प्रदर्शन संबंधी एक विश्लेषण में कहा गया है कि आईपीओ से जुटाई गई राशि में इस साल खासी गिरावट आई है. इसके मुताबिक, 2022 में अबतक आए 51 आईपीओ से 38,155 करोड़ रुपये की राशि जुटाने में सफलता मिली है. पिछले साल की समान अवधि में 55 इश्यू से 64,768 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.
इस साल सिर्फ आठ इश्यू ही बड़े साइज के रहे हैं. इनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ से सर्वाधिक 20,500 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. वहीं पिछले साल 33 कंपनियों के इश्यू ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई थी. बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपन्विता मजूमदार ने यह विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक, सितंबर 2021 तक आईपीओ ने 74 प्रतिशत रिटर्न दिया था जबकि उस समय तक सेंसेक्स 20 प्रतिशत चढ़ा था.
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1,000 करोड़ रुपये से अधिक आकार वाले उन आईपीओ में से 16 कंपनियों के शेयर फिलहाल कम भाव पर बिक रहे हैं. वर्ष 2021 के समूचे साल में कंपनियों ने शेयर बाजार से 1,21,680 करोड़ रुपये जुटाए थे. लेकिन इस दौरान अप्रैल से अक्टूबर के बीच सेंसेक्स भी 40,000 अंक से उछलकर 60,000 अंक के करीब पहुंचा था. इसकी तुलना में वर्ष 2022 में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और यह 50,000 से लेकर 60,000 अंक के दायरे में ही कारोबार कर रहा है.
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इस साल अबतक नकारात्मक रिटर्न देने वाली कंपनियों की संख्या 40 प्रतिशत रही है जबकि 45 प्रतिशत कंपनियों ने 20 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है. सर्वाधिक नुकसान उठाने वाली कंपनियों में वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) निर्गम मूल्य से 67 प्रतिशत नुकसान के साथ सबसे आगे है. एलआईसी का भी शेयर भाव निर्गम मूल्य से 31 प्रतिशत गिर चुका है जबकि जोमैटो का शेयर 20.7 प्रतिशत गिरा है. दूसरी तरफ अडाणी विल्मर का शेयर निर्गम मूल्य से 205.6 प्रतिशत तक चढ़ गया है. वहीं सोना प्रीसिजन (81.6 प्रतिशत), पतंजलि फूड्स (106 प्रतिशत) और पावरग्रिड (38 प्रतिशत) बढ़त लेने में सफल रही हैं.
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