डीएनए हिंदीः असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की ड्यू डेट समाप्त हो गई है और जिन्होंने 31 जुलाई 2022 को या उससे पहले अपना इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल किया है, उन्हें या तो अपना आईटीआर रिफंड (ITR Refund) मिल गया है या वे इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, जिन टैक्सपेयर्स ने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है वो 31 दिसंबर तक फाइल कर रिटर्न क्लेम कर सकते हैं. हालांकि, ऐसे टैक्सपेयर्स को उनके आईटीआर रिफंड का 1 अप्रैल 2022 से ब्याज नहीं मिलेगा. इसी तरह, अगर किसी टैक्सपयर को आईटीआर रिफंड मिल रहा है, तो उसकी मूल राशि नॉन टैक्सेबल होगी, लेकिन आईटीआर रिफंड पर ब्याज को वित्त वर्ष 23 में इनकम के रूप में माना जाएगां और इसे असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल करते समय टैक्सपेयर की नेट एनुअल इनकम में जोड़ा जाएगां .
आईटीआर रिफंड के संबंध में आयकर नियमों (Income Tax Rules) पर जानकार बताते हैं कि यदि कोई टैक्सपेयर आईटीआर दाखिल करने के लिए दी गई ड्यू डेट के भीतर आईटीआर दाखिल करने से चूक गया है, तो कोई भी देर से शुल्क का भुगतान करके अपना आईटीआर दाखिल कर सकता है. 31 जुलाई 2022 के बाद आईटीआर फाइल करने वाले को 1 अप्रैल 2022 से आईटीआर रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा. जानकारों के अनुसार टैक्सपेयर का आईटीआर रिफंड इनकम नहीं है, लेकिन आईटीआर रिफंड पर अर्जित ब्याज इनकम के रूप में शामिल होती है और इसके लिए असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इस ब्याज को अपनी वार्षिक आय में जोडऩा होगा.
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आईटीआर रिफंड पर ब्याज की गणना कैसे की जाती है, इस पर जानकार बताते हैं कि आईटीआर रिफंड पर ब्याज की गणना महीने दर महीने 0.50 फीसद के मासिक ब्याज पर की जाती है. साथ ही आयकर अधिनियम की धारा 234डी के तहत करदाता को दी गई अतिरिक्त वापसी पर ब्याज की वसूली का प्रावधान है. एक महीने के किसी भी अंश को पूरा महीना माना जाएगा और ब्याज की गणना इस तरह की जाएगी.
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आईटीआर रिफंड के 5 इनकम टैक्स रूल्स
1. एलिजिबिलिटी: ड्यू डेट के भीतर या उसके बाद आईटीआर दाखिल करने वाले टैक्सपेयर्स आईटीआर रिफंड के लिए पात्र हैं.
2. आईटीआर रिफंड पर ब्याज: यदि किसी टैक्सपेयर ने 31 जुलाई 2022 की नियत तारीख के भीतर आईटीआर दाखिल किया है, तो उसे 1 अप्रैल 2022 से आईटीआर रिफंड पर ब्याज मिलेगा.
3. आईटीआर रिफंड पर ब्याज दर: दी गई ड्यू डेट के भीतर आईटीआर दाखिल करने वाला टैक्सपेयर अपनी आईटीआर रिफंड राशि पर 0.50 फीसदी मासिक ब्याज के लिए पात्र है.
4. आईटीआर रिफंड पर टैक्सेशन का नियम: आईटीआर रिफंड अमाउंट वो इनकम है जिसे टैक्सपेयर संबंधित वित्तीय वर्ष में पहले ही रिपोर्ट कर चुका है. इसलिए, आईटीआर रिफंड राशि नॉन टैक्सेबल है. हालांकि, आईटीआर रिफंड राशि पर अर्जित ब्याज नेट एनुअल इनकम में जोड़ी जाती है और वो टैक्सेबल भी है.
5. आईटीआर रिफंड पर ब्याज की गणना: आईटीआर रिफंड पर ब्याज की गणना करते समय, महीने के किसी भी अंश को एक महीने के रूप में माना जाएगा जबकि 100 रुपये के किसी भी अंश को नजरअंदाज कर दिया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि हम 3 महीने और 10 दिनों के लिए 8,489 रुपये पर ब्याज की गणना करना चाहते हैं, तो ब्याज के लिए उत्तरदायी राशि की गणना करते समय, 100 रुपये के किसी भी अंश को अनदेखा किया जाना चाहिए और इसलिए, हम 8,489 रुपये से 89 रुपये को अनदेखा कर देंगे और शेष राशि 8,400 रुपये आएगी, इस प्रकार धारा 234डी के तहत ब्याज की गणना 8,400 रुपये पर की जाएगी. इसके अलावा, 10 दिनों की अवधि को पूरा महीना माना जाएगा और इसलिए, ब्याज की गणना 4 महीने के लिए की जाएगी.
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