WhatsApp और Telegram को लग सकता है झटका, जियो, एयरटेल, वोडाफोन ने सरकार से कर दी बड़ी मांग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2024, 04:40 PM IST

भारत की प्रमुख टेलिकॉम कंपनियां रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया इन सभी ने सरकार से अपनी चिंता जाहीर की है. कंपनियों की इस मांग से WhatsApp और Telegram को बड़ा झटका लग सकता है.

भारत मे पहले कॉलिंग और मैसेज सेवाओं के लिए आम जनता को सिर्फ कुछ चुनिंदा कंपनियां पर निर्भर रहना पड़ता था. जैसे रिलायंस, एयरटेल, वोडाफोन. लेकिन बदलते दौर में इंटरनेट की एक्सैस ने कंज्यूमर को और भी अलग-अलग माध्यम प्रदान कर दिए हैं. पहले अपने किसी को अगर फोन से बात-चीत करना हो या किसी को मैसेज भेजने हो तो एक सीमित संसाधन हुआ करता था लेकिन अब हम  कई अलग माध्यमों से भी कर सकते हैं.
ताजा मामला भी कुछ इसी से जुड़ा हुआ है. भारत की महत्वपूर्ण टेलीकॉम कंपनियों की शिकायत है की उन्हें इस चीज से नुकसान हो रहा है, वहीं इनके यूजरबेस में भी गिरावट देखने को मिल रही है.

अब टेलीकॉम कंपनियों का सरकार से कहना है की व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे  OTT प्लेटफॉर्म को भी कानून के दायरे में लाया जाए. इन सब का कहना है की अगर ये OTT कंपनी टेलीफोन सेवाओं की तरह ही काम कर रहे हैं तो इनपर भी लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू होना चाहिए. आपको बता दें की अगर ऐसा होता है तो यूजर्स को मिलने वाली मुफ्त इंटरनेट कॉलिंग और मेस्सेजिंग सेवा पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा उन्हें अतिरिक्त पैसे भी देने पड़ेंगे.

भारत की दूरसंचार कंपनियाँ चाहती है की व्वाट्सएप, और टेलीग्राम को भी कानून के दायरे में लाने की जरूरत है. आपको बता दें की इसके लिए भारत की तमाम टेलीकॉम कंपनी रिलायंस, एयरटेल वोडाफोन आइडिया और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया COAI ने भी  मिलकर सरकार के सामने अपनी शिकायत को रखा है.

कंपनियों का कहना है की कुछ एप्स टेलीकॉम जैसे काम करते हैं, इसलिए उन पर भी लाइसेंस लागू होना चाहिए. COAI ने कहा है की ये सारे एप्स अब नए कानून के अंदर आते हैं. रिलायंस जियो का मानना है की नए कानून में मैसेज और टेलीकॉम सेवा की परिभाषा दी गयी है, उसमे इंटरनेट के द्वारा भेजे जाने वाला सभी मैसेज भी शामिल हैं.इसलिए इन एप्स पर भी लाइसेंस लगनी चाहिए.

इसी मामले में भारती एयरटेल के तरफ से कहा गया की जब हम सामान्य टेलीफ़ोन का उपयोग करते हैं तो सरकार की उस पर नजर होती है. लेकिन इन एप्स पर ऐसा कुछ लागू नही होता है, जिसमे अपराध का खतरा हमेशा बना रहता है. एयरटेल ने ये भी कहा की इन सब कंपनियों में ग्राहकों के डाटा सुरक्षित नही रहता है.

चूकी इन अधिकांश ऐप्स का निर्माण विदेशों में हुआ है, इसलिए इनके लिए नियम बनाना जरूरी है. एयरटेल के मुताबिक, इन ऐप्स को लाइसेंस देने से सरकार की उन पर नजर रखने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे देश की सुरक्षा में मदद मिलेगी वोडाफोन आइडिया का कहना है कि ये ऐप्स तेजी से बढ़ रहे हैं, और उन पर नियम लागू करने से ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और उनकी शिकायतों का समाधान हो सकेगा.

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