डीएनए हिंदी: जब से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो दरों में इजाफा (RBI Repo Rate Hike) करना शुरू किया है, तब से बैंकों ने फिक्स्ड डिपोजिट की दरों में इजाफा (Fixed Deposit Rate Hike) करना शुरू कर दिया है. एक बार फिर से आम लोगों के बीच एफडी ने अपना ध्यान आकर्षित किया है. कई बैंक तो इंफ्लेशन बीटिंग ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं. वहीं बैंक टैक्स सेविंग एफडी (Tax Saving FD) भी प्रोवाइड कराते हैं जो पांच सालों की लॉकइन पीरियड के साथ आती हैं. वैसे टैक्स सेविंग एफडी के काफी फायदे भी हैं. यह एफडी आपको टैक्स सेविंग में मदद तो करती ही है साथ ही अच्छा रिटर्न भी देती है. आइए आपको भी बताते हैं कि टैक्स सेविंग एफडी के क्या फायदे हैं, जो आपके काफी काम आ सकते हैं.
टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit)
टैक्स सेविंग एफडी, जिनकी पांच साल की निश्चित अवधि होती है, निवेशक को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का लाभ देते हैं. हालांकि न्यूनतम निवेश राशि टैक्स सेविंग FD हर बैंक में अलग-अलग होती है, बैंक क्या ऑफर कर सकता है, इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है.
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ब्याज दर (Interest Rate)
इस तरह की FD पर दी जाने वाली ब्याज दर बैंकों में अलग-अलग होती है. आप टैक्स सेविंग एफडी के कंयूलेटिव ब्याज या नॉन-कंयूलेटिव विकल्पों में से चुन सकते हैं जो आमतौर पर अधिकांश बैंकों द्वारा पेश किए जाते हैं. कंयूलेटिव विकल्प का मतलब है कि मूलधन पर अर्जित ब्याज को फिर से निवेश किया जाएगा और मेच्योरिटी पर भुगतान किया जाएगा. नॉन कंयूलेटिव विकल्प में, मासिक/तिमाही/अर्ध-वार्षिक/वार्षिक आधार पर ब्याज का भुगतान किया जाता है. सीनियर सिटीजंस को आमतौर पर टैक्स सेविंग FD पर ऊंची ब्याज दर आॅफर की जाती हैं.
बचत पर टैक्स (Tax on Save)
टैक्स ब्रैकेट के अनुसार ब्याज पर कर लगाया जाता है. इसके अतिरिक्त, टीडीएस लागू होता है क्योंकि एकत्रित ब्याज निवेशक के टैक्स ब्रैकेट के आधार पर टैक्सेबल होता है. जमा ब्याज का भुगतान मासिक या त्रैमासिक रूप से किया जाता है, या इसे पुनर्निवेश किया जा सकता है. एक व्यक्ति बैंक को फॉर्म 15जी (या वरिष्ठ व्यक्तियों के लिए फॉर्म 15एच) जमा करके अर्जित ब्याज पर टीडीएस कटौती से बच सकता है.
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इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज
कई छोटे बैंक एफडी पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज ऑफर करते हैं. जैसे डीसीबी बैंक 6.6 फीसदी पर उच्चतम चक्रवृद्धि ब्याज प्रदान करता है, इसके बाद इंडसइंड बैंक 6.5 फीसदी और आरबीएल बैंक द्वारा 6.3 फीसदी है. आईडीबीआई फस्र्ट बैंक फ्लैट 6 फीसदी और करूर वैश्य बैंक 5.9 फीसदी पर तिमाही ब्याज प्रदान करता है.
प्रीमेच्योर विड्रॉल (Premature Withdrawal)
पांच साल की लॉकइन पीरियड से पहले विड्रॉल और पार्शियल विड्रॉल की अनुमति नहीं है. हालांकि, एफडी की मेच्योरिटी से पहले जमाकर्ता के गुजर जाने की स्थिति में, दंड का निर्धारण नहीं किया जाएगा, और नियमों के अनुसार, नॉमिनेटिड व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को लॉक-इन अवधि से पहले भी जल्दी भुगतान करने की अनुमति दी जाएगी. पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट में कहा गया है कि यदि एफडी धारक की मृत्यु हो जाती है और उसकी मृत्यु के समय कोई नामांकन लागू नहीं होता है.
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