डीएनए हिंदी: इस दुनिया में कोई भी सफल इंसान एक बार में ही सफलता के ऊंचाईयों पर नहीं पहुंचा है. इसके पीछे उसकी कई सालों की मेहनत और कई बार की असफलता भी साथ रही है. आज जिस महान शख्स की स्टोरी हम बताने जा रहे हैं उन्होंने एक जमाने में बहुत गरीबी में अपनी जिंदगी गुजारी है. तो आज के सक्सेस स्टोरी के हमारे हीरो हैं केपी ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. फारुक गुलाम पटेल (Faruk Gulam Patel).
गुलाम फारुक पटेल के पिता एक बस कंडक्टर थे. इनका बचपन गुजरात में काफी गरीबी में बीता. इनके पिता की इनकम इतनी कम थी की परिवार का पालन- पोषण अच्छे से नहीं हो पाता था. जब फारुक बड़े हुए तो इन्होंने मुंबई का रूख किया यहीं से इनकी सफलता की कहानी शुरू हुई.
कुछ बड़ा करने का सपना लिए डॉ. फारुक मुंबई पहुंचे. वहां पर इन्होने छोटी सी सैलरी में ऑप्टिशियन का काम किया. इसके बाद इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट ट्रेड के पढ़ाई के लिए एडमिशन ले लिए. फिर 1990 में आगे के स्टडी के लिए मैनमेड टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन में दाखिला लिया.
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अब डॉ. फारुक 1991 में इंग्लैंड चले गए. स्टार्टींग में यहां भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. इसके साथ ही वो एक कैफे में काम करना शुरू कर दिए. 2 साल इंग्लैंड में रहने के बाद डॉ. फारुक साल 1993 में भारत लौटे. उन्होंने यहां एक कार्टिंग कंपनी की स्थापना की और 1994 एक लाख रुपये के साथ केपी ग्रुप (KP Group) की शुरुआत किया.
डॉ. फारुक ने जब केपी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की उस समय इनके लाइफ में एक निर्णायक मोड़ भी आया था. केपी बिल्डकॉन कंपनी ने साल 2001 में दूरसंचार क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाया. इन्होंने आने वाले समय में संचार के महत्व और कम्युनिकेशन टॉवर्स की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए 16 राज्यों में अपनी कंपनी का विस्तार किया. इस बिजनेस को ऊंचाईयों तक पहुंचाने के बाद ये रिन्युबल एनर्जी मार्केट में भी एंट्री ले लिए.
डॉ. फारुक ने साल 2008 में केपीआई ग्रीन एनर्जी (KPI Green Energy) की शुरुआत के साथ सौर ऊर्जा उद्योग में भी प्रवेश कर लिया. इसके बाद इन्होंने साल 2010 में पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट के साथ केपी एनर्जी की स्थापना कर लिया. वर्तमान में डॉ. फारुक, 1500 एकड़ से ज्यादा की जमीन, गुजरात का सबसे बड़ा निजी सौर पार्क और 2 गीगावॉट से ज्यादा का हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो के मालिक है. बता दें कि केपी ग्रुप का कमर्शियल एंपायर पूरे भारत में लगभग 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है.
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