डीएनए हिंदी: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल से लेकर गैस के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. वर्ष 2022 में एलपीजी (LPG Price) की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. वहीं 5 जुलाई को ही सरकारी गैस कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा किया था. इस बढ़ोतरी के साथ ही 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कीमत 1,053 रुपये हो गई है जो कि गैस की अब तक उच्चतम स्तर हैं.
दरअसल, देश में LPG गैस सिलेंडर की कीमतों में पिछले एक साल में घरेलू रसोई गैस की कीमतों मे 219 रुपये का इजाफा हो चुका है. इन कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दामों में बढ़ोतरी माना जा रहा है लेकिन अब यह माना जा रहा है कि अब इनके दामों में जल्द ही गिरावट आ सकती है.
गौरतलब है कि अब अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें नरम हो रही हैं. बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 2 फीसदी गिरकर 12 सप्ताह के निम्नतम स्तर पर चली गई. गुरुवार को भी ब्रेंड क्रूड फ्यूचर प्राइस गिरकर 100 डॉलर बैरल से नीचे आ गया है. इसी तरह डब्ल्यूटीआई क्रूड फ्यूचर भी 0.8 फीसदी गिरकर 97.74 डॉलर प्रति बैरल रह गया है.
Railway Recruitment 2022: 10वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का मौका, मिलेगी इतनी सैलरी
क्रूड ऑयल की कीमतों का एलपीजी के साथ सीधा संबंध है. मोतीलाल ओसवाल में सीनियर ग्रुप वीपी सर्वेंदु भूषण का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल के दाम आसमान पर पहुंच गए है. इसी कारण भारत में एलपीजी के दामों में भी इजाफा हुआ है. जैसे ही कच्चे तेल के दाम गिरेंगे, तो हम एलपीजी की कीमत में भी कमी होने की उम्मीद कर सकते हैं.
एयरपोर्ट पर कभी भी मिल सकते हैं आपको राकेश झुनझुनवाला, जानें क्या है कनेक्शन
वहीं पीएसएल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिर्ट्स के सुविज्ञ अवस्थी का कहना है कि एलपीजी की कीमतें बढ़ने का कारण डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम गैस के दामों में आया उछाल है. उन्होंने कहा है कि कच्चे तेल की कीमतें अगर गिरती हैं तो इसका असर एलपीजी के दाम पर पड़ता दिखेगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.